छत्तीसगढ़ के इन गांवों में फैली गंभीर बीमारी! नहीं हो रही युवक-युवतियों की शादी, हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से मांगा जवाब

A serious disease has spread in these villages of Chhattisgarh: इस मामले को आईबीसी24 ने प्रमुखता से अनेकों बार सरकार का ध्यान आकर्षण कराया है । जिस पर अब हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका मानकर स्वास्थ्य विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

छत्तीसगढ़ के इन गांवों में फैली गंभीर बीमारी! नहीं हो रही युवक-युवतियों की शादी, हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से मांगा जवाब
Modified Date: August 6, 2024 / 10:35 pm IST
Published Date: August 6, 2024 10:35 pm IST

गरियाबंद। जिले के देवभोग के नांगलदेही वह आसपास के 7 से 8 गांवों में फ्लोराइड जैसी गंभीर बीमारी व्याप्त है। जिसके चलते यहां के बच्चों के दांत पीले और बाल सफेद और जवानी में भी जोड़ों का दर्द प्रारंभ हो गया है। इस वजह से गांव के लड़के-लड़कियों की शादी तय नहीं हो रही है। इस मामले को आईबीसी24 ने प्रमुखता से अनेकों बार सरकार का ध्यान आकर्षण कराया है । जिस पर अब हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने इसे जनहित याचिका मानकर स्वास्थ्य विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने पूछा है कि बीमारी रोकने के लिए शासन स्तर पर क्या प्रयास किया जा रहा है? मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी। इस संबंध में हाईकोर्ट से लौटे पी.एच.पी. के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पंकज जैन ने बताया कि न्यायालय ने जो जानकारी मांगी है वह हमने जा कर सौंप दिया है। साथ ही आगामी 14 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग से जवाब मांगा गया है।

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दरअसल, देवभोग तहसील के इस गांव में पीने के पानी में फ्लोराइड जैसी गंभीर बीमारी होने के कारण युवाओं से लेकर बच्चे भी पीड़ित है। 40 फिल्टर प्लांट में से आधे बंद हैं। पीने के पानी में सुरक्षित सीमा से 3 से 4 गुना अधिक फ्लोराइड की मात्रा पाई गई है। इसे हाईकोर्ट ने गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका मानकर सुनवाई शुरू की है।

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पानी में फ्लोराइड का उच्च स्तर स्केलेटल फ्लोरोसिस, गठिया, हड्डियों की क्षति, आस्टियोपोरोसिस, मांसपेशियों की क्षति, जोड़ों से संबंधित समस्याएं, थकान, किडनी से संबंधित रोग और अन्य पुरानी बीमारियों का कारण बन सकता है। इस मुद्दे को आईबीसी24 ने समय-समय पर प्रमुखता से उठाया है जिसके चलते यह मुद्दा हाई कोर्ट बेंच तक पहुंचा है जिस पर हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com