पेंड्रा: Pendra News: छत्तीसगढ़ के एकमात्र विशिष्ट विद्यालय गुरुकुल पेंड्रारोड की स्थिति चिंताजनक हो गई है। युक्तियुक्तकरण के कारण विद्यालय में व्याख्याताओं की कमी हो गई है। यह विद्यालय 1981 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए स्थापित किया गया था।
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Pendra News: विद्यालय में कृषि विषय के व्याख्याता नहीं हैं। प्रशासन की लापरवाही से कई विषयों की पढ़ाई पहले ही बंद कर दी गई है। आर्ट और कॉमर्स विषय बंद हो चुके हैं। अब केवल विज्ञान,गणित और कृषि विषय संचालित हैं। यह आवासीय विद्यालय पूरे प्रदेश के छात्रों को प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रवेश देता है। छात्र यहां 6वीं से 12वीं तक पढ़ाई करते हैं।
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Pendra News: विद्यालय में खेल परिसर है जिसके लिए दो पीटीआई के पद हैं। संगीत और तबला शिक्षक का भी प्रावधान है। शासन-प्रशासन की उपेक्षा से विद्यालय की विशिष्ट पहचान खत्म होती जा रही है। कृषि विषय के व्याख्याताओं को दूसरे स्कूलों में भेज दिया गया है। इससे सबसे ज्यादा नुकसान अनुसूचित जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को होगा। विद्यालय अपनी अच्छी शिक्षा के लिए जाना जाता था।
"गुरुकुल पेंड्रारोड विद्यालय" की स्थापना कब और क्यों हुई थी?
गुरुकुल पेंड्रारोड की स्थापना 1981 में अनुसूचित जनजाति वर्ग के बच्चों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने के लिए की गई थी।
क्या "गुरुकुल पेंड्रारोड विद्यालय" में अब सभी विषय पढ़ाए जा रहे हैं?
नहीं, फिलहाल केवल विज्ञान, गणित और कृषि विषय पढ़ाए जा रहे हैं। आर्ट और कॉमर्स विषय पहले ही बंद कर दिए गए हैं।
"गुरुकुल पेंड्रारोड विद्यालय" में शिक्षक की कमी क्यों है?
युक्तियुक्तकरण नीति और प्रशासनिक लापरवाही के चलते व्याख्याताओं की भारी कमी हो गई है। कई विषयों के शिक्षक दूसरे स्कूलों में भेज दिए गए हैं।
क्या "गुरुकुल पेंड्रारोड विद्यालय" में खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों की सुविधा है?
विद्यालय में खेल परिसर है और संगीत व तबला शिक्षक के पद भी स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में ये पद भी खाली पड़े हैं।
"गुरुकुल पेंड्रारोड विद्यालय" में प्रवेश कैसे मिलता है?
यह एक आवासीय चयन आधारित विद्यालय है, जहां प्रवेश परीक्षा के माध्यम से प्रदेशभर के छात्रों को कक्षा 6वीं में प्रवेश दिया जाता है।