रायपुर: CG Politics क्या प्रदेश में बढ़ते अपराध बिगड़ती कानून व्यवस्था का नतीजा हैं। क्या प्रदेश में अपराधी बेलगाम और बेखौफ हो चले हैं। कम से कम विपक्ष का आरोप तो यही है। बजट सत्र में सत्तापक्ष को घेरते हुए विपक्ष ने मामले पर जमकर हंगामा किया। सत्ता पक्ष का दावा है कि ये सारा हंगामा सियासी तौर पर खुद को बनाए रखने के लिए है। हर वारदात पर तत्परता से एक्शन जारी है। सबसे बड़ा सवाल है क्या नई सरकार आने का बाद प्रदेश में क्राइम बढ़ा है?
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CG Politics छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में प्रदेश में बढ़ते अपराध पर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। मुद्दे पर विपक्ष ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए चर्चा की मांग की। जिसे आसंदी ने अस्वीकार किया, इसके बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। विपक्ष ने डबल इंजन वाली सरकार को कानून व्यवस्था पर फेल बताते हुए गृहमंत्री विजय शर्मा का इस्तीफा मांगा। दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी, इसके बावजूद कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी विधायक नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में प्रदर्शन करने लगे, जिसपर नेता प्रतिपक्ष समेत सभी विपक्षी सदस्य निलंबित कर दिए गए। कांग्रेस विधायक उमेश पटेल ने कहा, गृहमंत्री के गृहक्षेत्र कवर्धा में ही तीन घटनाएं घट चुकी है। राजधान-रायपुर,न्यायधानी-बिलासपुर कोई भी जगह अपराध से अछूती नहीं रही।
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विपक्ष के हमले और स्थगन प्रस्ताव पर प्रदेश के डिप्टी सीएम अरुण साव ने दावा किया कि पुलिस प्रशासन हर घटना पर मुस्तैदी से एक्शन ले रहा है, अपराधियों पर त्वरित कार्रवाई हो रही है। विपक्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बेवजह मुद्दे को तूल दे रहा है।
फाइनल वीओ- विपक्ष का सबसे बड़ा वार गृहमंत्री के अपने क्षेत्र कवर्धा के घटित हुए अपराधों को लेकर रहा। इसके अलावा प्रदेश की राजधानी और न्यायधानी में हुई बड़ी वारदातों ने विपक्ष को सत्तापक्ष को घेरने का बड़ा मौका दिया। वहीं बढती नक्सल घटनाओं पर भी विपक्षी विधायकों ने साय सरकार को कटघऱे में खड़ा करने का प्रयास किया। जवाब में सरकार का दावा है ये सारा हंगामा बेमानी और चुनावी माहौल बनाने के लिए है। सवाल है, विपक्ष के आरोपों में कितनी सच्चाई है, क्या वाकई सत्ता बदलने के बाद प्रदेश में अपराध बढ़ा है या फिर ये कोरी सियासी कवायद है?