भूपेश बघेल अगर निर्दोष हैं तो उन्हें जांच से डरना नहीं चाहिए: साय |

भूपेश बघेल अगर निर्दोष हैं तो उन्हें जांच से डरना नहीं चाहिए: साय

भूपेश बघेल अगर निर्दोष हैं तो उन्हें जांच से डरना नहीं चाहिए: साय

:   Modified Date:  March 21, 2024 / 06:11 PM IST, Published Date : March 21, 2024/6:11 pm IST

(संजीव गुप्ता)

रायपुर, 21 मार्च (भाषा) छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बृहस्पतिवार को कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अगर निर्दोष हैं तो उन्हें कथित महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले में जांच से डरना नहीं चाहिए।

पीटीआई—भाषा के साथ एक साक्षात्कार में साय ने विश्वास जताया कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ में सभी 11 लोकसभा सीटें जीतेगी। साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अति आत्मविश्वास में नहीं है और अपने प्रतिद्वंद्वी को कमजोर नहीं मानती।

एक सवाल के जवाब में राज्य में माओवादियों को कड़ा संदेश देते हुए साय ने कहा कि यदि नक्सली राज्य में गोलियों की भाषा बोलते रहे तो उन्हें करारा जवाब दिया जाएगा।

साय सरकार ने बृहस्पतिवार को अपने 100 दिन पूरे कर लिए।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का आरोप कि उन्हें महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप घोटाले में जानबूझकर फंसाया जा रहा है। इस पर साय ने कहा, ”यदि वह निर्दोष हैं तो उन्हें किसी भी तरह की जांच से डरना नहीं चाहिए। अगर वह दोषी नहीं हैं तो उन्हें बड़प्पन दिखाना चाहिए और कहना चाहिए कि उनके खिलाफ देश में उच्च से उच्च स्तर की जांच हो।”

इस महीने की शुरुआत में राज्य की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रस्तुत एक जांच रिपोर्ट के आधार पर कथित महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में बघेल और 18 अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था। ईडी इस कथित घोटाले में धन शोधन की जांच कर रहा है।

कांग्रेस के इस आरोप पर कि बघेल के खिलाफ षड़यंत्र किया जा रहा है, मुख्यमंत्री ने कहा, ”एक आरोपी कभी भी अपना अपराध स्वीकार नहीं करता।”

राजनीतिक सवालों के अलावा 60 वर्षीय साय ने पिछले तीन महीनों में अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों और शुरू की गई योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, ”मैंने बुधवार को बस्तर क्षेत्र से लोकसभा चुनाव के लिए अभियान शुरू किया है। नारायणपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में लोगों की भारी भीड़ भाजपा के लिए भारी समर्थन प्रदर्शित करती है।”

साय ने दावा किया, ”महतारी वंदन योजना (महिलाओं के लिए मासिक वित्तीय सहायता) से महिलाएं बहुत खुश हैं, किसानों को पिछले तीन महीनों में दो बार पैसा दिया गया (दो साल के लिए लंबित बोनस और खरीफ विपणन सीजन 2023-24 के लिए इनपुट सहायता)। युवा राज्य लोक सेवा आयोग में कथित अनियमितताओं की जांच सीबीआई से कराने के फैसले से खुश हैं। राज्य में हर वर्ग खुश है। राज्य सरकार का यह कार्य सभी 11 लोकसभा सीटें जीतने में मदद करेंगे।”

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस को आगामी लोकसभा चुनावों के लिए उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं क्योंकि उनके नेता चुनाव लड़ने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

उन्होंने कहा, ”राज्य के लोगों ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को पांच साल (2018-2023) मौका देकर देख लिया है। पिछली सरकार के दौरान कांग्रेस द्वारा किये गये 36 वादों में से एक भी पूरा नहीं किया गया। पार्टी ने लोगों के बीच अपना विश्वास खो दिया है। हालत यह है कि कांग्रेस को (लोकसभा के लिए) उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। पहले चरण के लिए नामांकन बुधवार को शुरू हो गया लेकिन अभी तक (बस्तर सीट के लिए) उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है। पार्टी का कोई भी नेता चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। पूरे देश में कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं।”

राज्य की 11 लोकसभा सीटों में से अकेले बस्तर में पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ की 11 सीटों के लिए लोकसभा चुनाव तीन चरणों में 19 अप्रैल, 26 अप्रैल और सात मई को होंगे। चार जून को वोटों की गिनती होगी।

कांग्रेस ने अब तक छह सीटों पर जबकि भाजपा ने सभी 11 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।

लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव सहित कुछ सीटों पर भाजपा को मिलने वाली चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा, ”हम हर सीट को कठिन सीट मानते हैं। हम अपने प्रतिद्वंद्वी को कमजोर नहीं मानते और हम हर सीट पर मजबूती से लड़ेंगे और उन्हें जीतेंगे.. हम कभी भी अति आत्मविश्वास में नहीं रहते।”

उन्होंने कहा, ”हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के मूल मंत्र के साथ मोदी सरकार द्वारा 10 वर्षों में गांव, गरीब, किसान, मजदूर और महिला कल्याण के लिए किए गए कार्यों और हमारी सरकार द्वारा तीन माह में तथा इससे पहले 15 वर्षों (2003-2018) के दौरान किए गए कार्यों को जनता के बीच लेकर जा रहे हैं।”

एक सवाल के जवाब में साय ने कहा, ”लोगों का मोदी जी (नरेन्द्र मोदी) पर गहरा विश्वास है और वे उन्हें तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं।”

कांग्रेस के इस आरोप पर कि नवनिर्वाचित भाजपा सरकार ने अभी तक नक्सल विरोधी नीति पर अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, साय ने कहा, ”हमारा रुख बिल्कुल स्पष्ट है। हम उनसे (नक्सलियों) बातचीत करना चाहते हैं और हमने उन्हें बातचीत की पेशकश की है। अगर वे (नक्सली) गोलियों की भाषा बोलते रहेंगे तो हम उन्हें कड़ी टक्कर देने के लिए तैयार हैं।”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”राज्य सरकार सुरक्षा शिविर स्थापित कर रही है। मैं उन्हें ‘सुविधा’ शिविर कहता हूं। नई योजना ‘नियद नेल्लानार’ (आपका अच्छा गांव) के तहत राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजना का लाभ इन शिविरों के माध्यम से सुरक्षा शिविरों के पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों तक पहुंचे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ ‘नियद नेल्लानार’ के तहत 25 से ज्यादा बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। बस्तर क्षेत्र के पांच संवेदनशील जिलों के 14 हजार गांव ऐसे हैं जहां बिजली की आपूर्ति नहीं है। योजना के तहत इन गांवों को सौर ऊर्जा के माध्यम से या बिजली लाइन बिछाकर विद्युतीकृत किया जाएगा।”

पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के सत्ता में आने पर पांच साल में नक्सलवाद को खत्म करने के केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ”डबल इंजन सरकार (केंद्र और राज्य में भाजपा शासन) है और हम इसे करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री इस विषय को लेकर चिंतित हैं और हमें केंद्र से लगातार सहयोग मिल रहा है।

भाषा संजीव

नरेश

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