Bemetara News: छत्तीसगढ़ के इस जिले में एक साथ 17 लोगों ने मांगी इच्छामृत्यु, मांग पत्र लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा पूरा परिवार..जानें पूरा मामला

17 people together asked for euthanasia: जातीय उत्पीड़न और प्रशासनिक उपेक्षा से टूटे परिवार ने 17 सदस्यों के साथ सामूहिक इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। परिवार ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को पत्र लिखा है।

Bemetara News: छत्तीसगढ़ के इस जिले में एक साथ 17 लोगों ने मांगी इच्छामृत्यु, मांग पत्र लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा पूरा परिवार..जानें पूरा मामला

Reported By: Mohan Patel,
Modified Date: June 28, 2025 / 08:15 pm IST
Published Date: June 28, 2025 8:15 pm IST
HIGHLIGHTS
  • सदमे के शिकार हुए बच्चे सखी सेंटर भेजे गए
  • मामले में बेमेतरा जिला प्रशासन मौन
  • बिना व्यवस्थापन किये भरी बरसात में उनका झोपड़ी जेसीबी से तोड़ डाला

बेमेतरा: Bemetara News, बार-बार एक ही परिवार के घर को चार बार तोड़ा गया। गांव के बाहर डेढ़ 2 किलोमीटर में 14 साल से रह रहा है एक परिवार। एक ही परिवार के घर को अतिक्रमण में बसने के कारण सरपंच और अन्य लोगों के द्वारा शिकायत कर तुड़वा दिया गया। पूरा मामला बेमेतरा जिले के मोहतरा (ख )का है। जहां जातीय उत्पीड़न और प्रशासनिक उपेक्षा से टूटे परिवार ने 17 सदस्यों के साथ सामूहिक इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। परिवार ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को पत्र लिखा है।

बेमेतरा ज़िले के मोहतरा(ख) गांव से एक बेहद संवेदनशील और मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जहां अनुसूचित जाति वर्ग के सतनामी समाज से आने वाले भूमिहीन परिवार ने 14 वर्षों से निरंतर जातीय उत्पीड़न और प्रशासनिक उपेक्षा से तंग आकर परिवार व समाज के लोगों के साथ जिला कार्यालय कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां अपर कलेक्टर को राष्ट्रपति के नाम पत्र सौंपा है और सहपरिवार 17 सदस्यों के साथ इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।

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17 people asked for euthanasia, पीड़ित श्यामदास सतनामी व परिवार के लोगों ने दर्द बयां करते हुए बताया है कि वर्ष 2009 में तत्कालीन सरपंच और उपसरपंच ने 50,000 रुपये लेकर उन्हें गांव से दूर शासकीय ज़मीन पर बसाया था। वे और उनका परिवार वर्षों तक मेहनत करके वहीं बसे लेकिन 2011 में जातिवादी मानसिकता वाले ग्रामीणों ने उनका घर जला डाला, सामान लूट लिया गया। साल 2019 में तो हद ही हो गई उन्हें अर्धनग्न हालत में पूरे गांव में घुमाया गया और खंडसरा चौकी पुलिस की मौजूदगी में जबरन सभी ग्रामीणों के पैर छूकर माफी मंगवाई गई।

सदमे के शिकार हुए बच्चे सखी सेंटर भेजे गए

Bemetara News, उनके बच्चे भी इस सदमे के शिकार हुए और सखी सेंटर भेज दिए गए। जहां लगभग 15 दिनों तक वहां रहा, इसके बाद परिवार ने किसी तरह कच्चा मकान बनाकर वहीं पुनः निवास शुरू किया, लेकिन तकलीफें खत्म नहीं हुईं। वर्ष 2024 में फिर तोड़ा गया और अब तो ज्यादा ही हद कर दिया, कुछ दिन पहले बिजली कटवा दिया गया। भरी गर्मी में पीने के पानी के लिए तीन किलोमीटर दूसरी गांव से पानी लाकर अपने परिवार की प्यास बुझाया।

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अभी पानी की प्यास बुझ नहीं पायी थी कि 18 जून 2025 को प्रशासन ने पुलिस बल, ग्रामीणों की मौजूदगी में बगैर नोटिस दिए बिना व्यवस्थापन किये भरी बरसात में उनका झोपड़ी जेसीबी से तोड़ डाला। वर्तमान में श्यामदास सतनामी का पूरा परिवार बिना बिजली, पानी के खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर है। श्यामदास ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री, कानून मंत्री, मुख्य न्यायधीश, राज्यपाल, सीएम, मानव अधिकार सहित 23 सम्माननीय विभाग और पार्टियों को पत्र लिखा और इच्छा मृत्यु की मांग की है।

मामले में बेमेतरा जिला प्रशासन मौन

Bemetara latest News, वही पीड़ित परिवार ने कहा कि- “हम अपने वजूद को हर दिन मरता हुआ देख रहे हैं। जब जमीन, घर, समाज और शासन किसी भी स्तर पर न्याय नहीं मिल रहा तो कृपया हमें और हमारे परिवार को इच्छा मृत्यु की अनुमति दीजिए।” मामले में बेमेतरा जिला प्रशासन मौन है, तो वहीं जिला प्रगतिशील सतनामी समाज ने पीड़ित को न्याय नहीं मिलने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है…अब देखने वाली बात तो यह है कि भरी बरसात में खुले आसमान में कब तक यूं ही सामान पड़ा रहेगा और कैसे रहेंगे पूरे परिवार इस मामले में प्रशासनिक अधिकारी मौन हैं।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com