Chhattisgarh Dharmantaran News: ग्रामीणों ने गांव में नहीं दफनाने दी धर्मांतरित व्यक्ति की लाश, थाने में डेड बॉडी छोड़ गए परिजन, हुआ जमकर हंगामा

Chhattisgarh Dharmantaran News: ग्रामीणों ने गांव में नहीं दफानाने दी धर्मांतरित व्यक्ति की लाश तो थाने में डेड बॉडी छोड़ गए परिजन, हुआ जमकर हंगामा

Chhattisgarh Dharmantaran News: ग्रामीणों ने गांव में नहीं दफनाने दी धर्मांतरित व्यक्ति की लाश, थाने में डेड बॉडी छोड़ गए परिजन, हुआ जमकर हंगामा

Chhattisgarh Dharmantaran News: ग्रामीणों ने गांव में नहीं दफानाने दी धर्मांतरित व्यक्ति की लाश तो थाने में डेड बॉडी छोड़ गए परिजन / Image: IBC24

Modified Date: November 7, 2025 / 10:38 am IST
Published Date: November 7, 2025 10:34 am IST
HIGHLIGHTS
  • धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफनाने को लेकर गांव वालों ने विरोध किया
  • परिजनों ने शव को कोड़ेकुर्सी थाने में छोड़ दिया
  • धर्मांतरित व्यक्तियों के अंतिम संस्कार का विरोध एक बड़ी समस्या

भानुप्रतापपुर: Chhattisgarh Dharmantaran News छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मामला गरमाते जा रहा है। जहां एक ओर लगातार हिंदू संगठन के लोग लगातार चंगाई सभा की आड़ में धर्मांतरण करवाने वालों के ठिकानों पर दबिश दे रहे हैं तो दूसरी ओर अब गांवों में भी धर्मांतरण कर चुके लोगों के खिलाफ विरोध के सुर तेज होने लगे हैं। पहले तो गांवों में लोग सनातन छोड़कर दूसरा धर्म अपनाने वालों का​ विरोध किया जाता था, लेकिन अब धर्मांतरित लोगों को अंतिम संस्कार भी करने नहीं दिया जा रहा है। ऐसा ही एक मामला कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर से आया है, जहां धर्मांतरित व्यक्ति का अंतिम संस्कार का विरोध किए जाने के बाद भारी हंगामा हो गया।

नहीं दफानाने की दी लाश

Chhattisgarh Dharmantaran News मिली जानकारी के अनुसार मामला कोड़ेकुर्सी थाना क्षेत्र का है, जहां धर्मांतरित व्यक्ति के शव दफनाने को लेकर गांव में विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव की सीमा में किसी भी धर्मांतरित व्यक्ति के शव का अंतिम संस्कार नहीं करने देंगे। हालांकि पुलिस ने ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया, लेकिन गांव वाले नहीं माने। इसके बाद परिजन शव को थाने में छोड़ दिए हैं। वहीं, थाने के बाहर ईसाई समुदाय और आदिवासी समाज के बीच तनाव देखने को मिला, जिसके बाद बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

थाने में डेड बॉडी छोड़ गए परिजन

दरअसल कोड़ेकुर्सी निवासी मनीष निषाद की 4 नवंबर की शाम बीमारी के चलते मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजन उसे अपने गृह ग्राम कोड़ेकुर्सी लेकर आए, जहां अंतिम संस्कार की प्रक्रिया प्रारंभ की गई तो ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया और शव को दफनाने नहीं दिया। मृतक के परिजन शव दफनाने को लेकर पुलिस के पास पहुंचे। फिर पुलिस ने ग्रामीणों को समझने का प्रयास किया लेकिन नहीं माने। इसके बाद मृतकों के परिजन और ईसाई समुदाय के लोगों ने शव को कोड़ेकुर्सी थाने में ही छोड़ दिया है। पुलिस ने शव को हॉस्पिटल में रखा और अब तक शव का अंतिम संस्कार नही हो पाया है।

 ⁠

लगाना पड़ा हाईकोर्ट का चक्कर

बता दें कि ये पहला मामला नहीं है जब धर्मांतरित व्यक्ति के अंतिम संस्कार का ग्रामीणों ने विरोध किया है। पहले ही भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब धर्मांतरित व्यक्ति के शव को दफानाने के लिए हाईकोर्ट तक की गुहार लगानी पड़ी है। बीते दिनों सार्तिक कोर्राम के पिता ईश्वर कोर्राम को सांस लेने में तकलीफ के चलते डिमरापाल अस्पताल में भर्ती कराया गया था, इलाज के दौरान ईश्वर की मौत हो गई। परिजन जब शव को गांव ले जाकर अंतिम संस्कार करने की बात कही गई तो गांव वालों ने विरोध शुरू कर दिया, जिसके बाद शव को दुबारा मेकाज के पीएम घर में रखवा दिया गया। मृतक ईश्वर के शव को गांव में दफनाने से मना कर दिया गया, जिसके बाद काफी विरोध शुरू हुआ।

पिता के शव को दफानने की मांग को लेकर सार्तिक कोर्राम ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस राकेश मोहन पांडेय ने मेडिकल कॉलेज जगदलपुर को मृतक ईश्वर कोर्राम का शव याचिकाकर्ता को सौंपने का निर्देश दिया था। याचिकाकर्ता को किसी भी कानून से बचने के लिए अपने पिता के शव को ग्राम छिंदबहार में अपनी जमीन पर दफनाने की अनुमति दी गई है, पुलिस अधीक्षक बस्तर को यह भी निर्देशित किया गया है कि याचिकाकर्ता को उचित पुलिस सुरक्षा प्रदान की जाए, ताकि वे शव को शालीनता से दफना सकें।याचिकाकर्ता को 28 अप्रैल को अपने पिता का शव दफनाने की अनुमति दी गई।

ये भी पढ़ें

Silver Rate Today: आज चांदी की चमक हुई तेज, चेन्नई में 1,650 रुपये तो दिल्ली में 1,520 रुपये तोला बिक रहा सिल्वर, जानिए आपके शहर में क्या है ताजा भाव? 

Gwalior News: बाहर से सटीक दिखने वाले एंबुलेंस की अचानक हुई जांच, मिलीं पुरानी दवाइयां, कर्मचारियों को कुछ पता ही नहीं था…


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

"दीपक दिल्लीवार, एक अनुभवी पत्रकार हैं, जिन्हें मीडिया इंडस्ट्री में करीब 10 साल का एक्सपीरिएंस है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक ऑनलाइन समाचार वेबसाइट से की थी, जहां उन्होंने राजनीति, खेल, ऑटो, मनोरंजन टेक और बिजनेस समेत कई सेक्शन में काम किया। इन्हें राजनीति, खेल, मनोरंजगन, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और बिजनेस से जुड़ी काफी न्यूज लिखना, पढ़ना काफी पसंद है। इन्होंने इन सभी सेक्शन को बड़े पैमाने पर कवर किया है और पाठकों लिए बेहद शानदार रिपोर्ट पेश की है। दीपक दिल्लीवार, पिछले 5 साल से IBC24 न्यूज पोर्टल पर लीडर के तौर पर काम कर रहे हैं। इन्हें अपनी डेडिकेशन और अलर्टनेस के लिए जाना जाता है। इसी की वजह से वो पाठकों के लिए विश्वसनीय जानकारी के सोर्स बने हुए हैं। वो, निष्पक्ष, एनालिसिस बेस्ड और मजेदार समीक्षा देते हैं, जिससे इनकी फॉलोवर की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। काम के इतर बात करें, तो दीपक दिल्लीवार को खाली वक्त में फिल्में, क्रिकेट खेलने और किताब पढ़ने में मजा आता है। वो हेल्दी वर्क लाइफ बैलेंस करने में यकीन रखते हैं।"