Naxal News: नक्सलियों ने फिर की एक ग्रामीण की हत्या, इधर 22 लाख के इनामी चार माओवादियों ने किया सरेंडर

नक्सलियों ने बैनर लगाकर हत्या की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा बिनागुंडा सरपंच समेत कई लोगों को धमकी भी दी गई है। 2024 में इसी इलाके में 29 नक्सली मारे गए थे।

Naxal News: नक्सलियों ने फिर की एक ग्रामीण की हत्या, इधर 22 लाख के इनामी चार माओवादियों ने किया सरेंडर

Naxal News

Modified Date: August 19, 2025 / 07:30 pm IST
Published Date: August 19, 2025 7:00 pm IST
HIGHLIGHTS
  • कोण्डागांव में 4 नक्सलियों ने किया सरेंडर
  • चारों पर 22 लाख रुपए का इनाम
  • मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या

कांकेर: Naxal News, कांकेर में नक्सलियों ने एक ग्रामीण की हत्या कर दी है। मिली जनकारी के अनुसार पुलिस मुखबिरी के शक में ग्रामीण की हत्या की गई है। मृतक ग्रामीण का नाम मनेश नरेटी बताया जा रहा है। नक्सलियों ने बैनर लगाकर हत्या की जिम्मेदारी ली है। इसके अलावा बिनागुंडा सरपंच समेत कई लोगों को धमकी भी दी गई है। 2024 में इसी इलाके में 29 नक्सली मारे गए थे।

कोण्डागांव में 4 नक्सलियों ने किया सरेंडर

इधर कोण्डागांव में 4 नक्सलियों ने सरेंडर किया है । चारों पर 22 लाख रुपए का इनाम था। एक नक्सली, नक्सलियों का डॉक्टर था। इन्होंने जिले के SP के सामने सरेंडर किया है। मंगलवार को जिला कोण्डागांव में एक दंपत्ति समेत 4 नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक येदुवेल्ली अक्षय कुमार के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पित नक्सलियों पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कुल 22 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनमें 8 लाख रुपए का इनामी डीव्हीसीएम लक्ष्मण कोर्राम उर्फ जुन्नू, उसकी 5 लाख रुपए की इनामी पत्नी मड्डो उर्फ जरीना, 1 लाख रुपए का इनामी जनताना सरकार अध्यक्ष पांडूराम और 8 लाख रुपए का इनामी कंपनी नंबर 05 का सदस्य व नक्सली डॉक्टर सखाराम शामिल हैं।

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई, संगठन के भीतर बढ़ते मतभेद, वरिष्ठ नक्सलियों के आत्मसमर्पण और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभाव से ये नक्सली मुख्यधारा में लौटे हैं। आत्मसमर्पित नक्सली अब तक फायरिंग, हत्या, लूटपाट, अपहरण, आगजनी, शासकीय भवनों को नुकसान पहुंचाने जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं। वीओ 02 – आत्मसमर्पण करने वालों को छत्तीसगढ़ शासन की आत्मसमर्पण नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई है। इसके साथ ही अन्य पुनर्वास सुविधाओं का लाभ भी उन्हें मिलेगा।

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विशेष बात यह है कि शासन की विकास योजनाओं – सड़क, पानी, बिजली, मोबाइल नेटवर्क और सामुदायिक पुलिसिंग जैसे प्रयासों ने अंदरूनी इलाकों में नक्सलियों पर बड़ा असर डाला है। यही वजह है कि अब नक्सली सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन की राह चुन रहे हैं। आत्मसमर्पण से सुरक्षा बलों का मनोबल और ऊँचा हुआ है और क्षेत्र में शांति एवं विकास की राह और मजबूत होगी।

पहले भी सामने आ चुकी हैं ऐसी घटनाएं

बता दें कि इसके एक महीने पहले यानि 20 जुलाई को बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर 2 गांव वालों की बेरहमी से हत्या की थी। यह वारदात रविवार और सोमवार की दरम्यानी रात तर्रेम थाना क्षेत्र के छुटवाई और बड़ा तर्रेम गांवों में हुई थी, जहां अज्ञात माओवादियों ने धारदार हथियारों से कवासी जोगा (55) और मंगलू कुरसम (50) की हत्या कर दी थी। बीजापुर एएसपी चंद्रकांत गवर्णा ने घटना की पुष्टि की थी।

Naxal News, इस घटना से जिले में दहशत का माहौल बन गया और यह नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार हो रही हत्याओं की श्रृंखला की अगली कड़ी बन गई थी। इस साल अब तक बस्तर क्षेत्र के 7 जिलों में नक्सली हिंसा में लगभग 28 लोगों की जान जा चुकी है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, बीजापुर जिले में ही बीते 2 महीनों में 10 से अधिक ग्रामीण नक्सलियों द्वारा मारे जा चुके हैं।

14 जुलाई को भी बीजापुर के फरसेगढ़ इलाके में शिक्षा दूत के रूप में कार्यरत 2 लोगों की हत्या कर दी गई थी। नक्सलियों को उन पर पुलिस मुखबिरी का शक था। इससे पहले 21 जून को पामेड़ थाना क्षेत्र में दो ग्रामीणों को मार डाला गया, वहीं 17 जून को पेद्दाकोरमा गांव में 13 वर्षीय बालक समेत 3 लोगों की रस्सी से गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। जानकारी के अनुसार इन मृतकों में माओवादी दिनेश मोडियाम के दो रिश्तेदार थे, जिन्होंने मार्च में पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com