Godhan Nyaya Yojana became Nazir

गोधन न्याय योजना बनी नजीर , गौपालकों और चरवाहों के जीवन में आई खुशहाली, मिल रहा गोबर का मोल…

गोधन न्याय योजना बनी नजीर , गौपालकों और चरवाहों के जीवन : Godhan Nyaya Yojana became Nazir, prosperity came in the lives of cow

Edited By :   Modified Date:  May 27, 2023 / 06:26 PM IST, Published Date : May 27, 2023/6:26 pm IST

रायपुर । गोधन न्याय योजना से गौपालकों और चरवाहों के जीवन में खुशहाली आई है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर को पैसा में खरीदा जाएगा और इसको बेचने से आमदनी भी होगी। लेकिन छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना से जिंदगी बदल गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जब से 02 रूपए प्रति किलो में गोबर की खरीदी प्रारंभ की तब से गोबर का मोल मिलने लगा है। अब यह आय का जरिया बन गया है, जिससे गौपालक और चरवाहे आमदनी पाकर अपनी जरूरतों को पूरा कर रहे हैं।

यह भी पढ़े :  भारी बारिश के कारण दो दिनों में 13 लोगों की मौत, मौसम विभाग ने जून को लेकर जारी किया अलर्ट 

ग्राम बिरकोना के चरवाहा रामजी यादव ने बताया कि वे सुबह और शाम गाय चराने गौठान में आते है। उन्होंने कहा कि जब से गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई है, तब से दोहरा लाभ मिलने लगा है। एक ओर चराई का मेहताना मिल रहा है, दूसरी ओर गोबर बेचकर अच्छी-खासी आमदनी भी प्राप्त कर रहे है। उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर 18 हजार रूपए की आमदनी प्राप्त हुई है। इसके लिए वे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते नहीं थकते। कवर्धा विकासखंड के ग्राम बिरकोना निवासी गायत्री यादव बताती हैं कि गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 40 हजार रूपए का गोबर विक्रय कर चुकी है। उन्होंने बताया कि शासन की गोधन न्याय योजना में गोबर बेचने से अतिरिक्त आय मिल रही है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि गोबर का मोल मिलेगा। लेकिन मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने योजना के तहत गोबर खरीदकर गोबर के महत्व को और अधिक बढ़ाया है।

यह भी पढ़े : जोरदार आंधी-तूफान से उखड़े पेड़ और बिजली के खंभे, जनजीवन प्रभावित 

उन्होंने बताया कि गोबर बेचकर प्राप्त आमदनी से अपने परिवार के सदस्य के विवाह के लिए जरूरी समान की खरीदी की है। उन्होंने मुख्यमंत्री बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन की इस योजना ने गाय के महत्व को बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि वे गोबर को 02 रूपए प्रतिकिलो के मूल्य से गौठान में विक्रय करती हैं। इसके बाद समूह की महिलाओं द्वारा वर्मी कम्पोस्ट बनाकर विक्रय किया जाता है।