Korba News: यहां स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से बढ़ाया लोकल फूड का गौरव, पेश की महिला सशक्तिकरण की मिशाल
Korba News: यहां स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से बढ़ाया लोकल फूड का गौरव, पेश की महिला सशक्तिकरण की मिशाल
Korba News/ Image Credit: IBC24
- पाली महोत्सव में बालको के स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा परोसे गए छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन
- पारंपरिक व्यंजनों ने आगंतुकों को स्वाद और संस्कृति का अनूठा अनुभव कराया।
- लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की खुशबू ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया।
- मंत्री लखन लाल देवांगन ने महोत्सव में बालको के स्टॉल का अवलोकन किया और महिलाओं के प्रयासों की सराहना की।
कोरबा। Korba News: पाली महोत्सव में बालको (भारत एल्युमिनियम कंपनी) के स्व-सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा परोसे गए छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों ने आगंतुकों को स्वाद और संस्कृति का अनूठा अनुभव कराया। महोत्सव में चेउरा, फरा, चिलसा, और देहतरी जैसे लोकप्रिय छत्तीसगढ़ी व्यंजनों की खुशबू ने सभी को अपनी ओर आकर्षित किया। इसके साथ ही, बालको के सामुदायिक विकास और एल्युमिनियम उत्पादन प्रक्रिया से जुड़े प्रदर्शनी स्टॉल्स भी आकर्षण का केंद्र रहे। महिलाओं की आत्मनिर्भरता को मिली। मजबूती स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने न केवल स्थानीय खानपान को बढ़ावा दिया, बल्कि अपनी आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया।
इस अवसर पर बालको द्वारा संचालित स्टॉल्स पर कंपनी की समाज कल्याण परियोजनाओं जैसे- शिक्षा, युवा स्वावलंबन, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, और बुनियादी ढाँचे के विकास के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदर्शित की गई। साथ ही, आत्मनिर्भर भारत में एल्युमिनियम उद्योग के योगदान को भी रेखांकित किया गया। छत्तीसगढ़ के उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने महोत्सव में बालको के स्टॉल का अवलोकन किया और महिलाओं के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “बालको द्वारा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की यह पहल स्तुत्य है। छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का यह स्वाद हमारी संस्कृति की पहचान है।” मंत्री ने स्टॉल पर पारंपरिक दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ भी किया और व्यंजनों का लुत्फ़ उठाया।
Korba News: पारंपरिक थीम में सजे स्टॉल्स ने बढ़ाया रौनक महोत्सव में छत्तीसगढ़ की लोक कला और शिल्प से सजाए गए स्टॉल्स ने आगंतुकों को स्थानीय संस्कृति से जोड़ने का काम किया। बालको के प्रतिनिधियों ने बताया कि कंपनी का लक्ष्य समाज के हर वर्ग को विकास की मुख्यधारा से जोड़ते हुए टिकाऊ परिवर्तन लाना है। इस आयोजन से न केवल स्थानीय व्यंजनों को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है, बल्कि महिला उद्यमिता को भी नई दिशा मिली है।पाली महोत्सव में बालको और स्व-सहायता समूह की महिलाओं का यह सहयोग सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण का एक उत्कृष्ट उदाहरण बन गया है।

Facebook



