रायपुरः SarkarOnIBC24 छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला फिर सुर्खियों में आ गया है। ED की जांच के बाद आरोपियों पर अब ACB और EOW का शिकंजा कसता जा रहा है। इन दोनों जांच एजेंसियों ने मंगलवार को रायपुर और दुर्ग समेत कई शहरों में एक साथ छापे मारेस जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी भी शामिल थे। शराब घोटाले की जांच आगे बढ़ी तो एक बार फिर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने आ गई।
SarkarOnIBC24 छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले की जांच तेज हो गई है। ACB और EOW की टीम ने मंगलवार को दुर्ग-भिलाई समेत 30 से ज्यादा जगहों पर छापा मारा। एक टीम हाउसिंग बोर्ड स्थित अशोक अग्रवाल के घर पहुंची जो पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा के करीबी हैं तो दूसरी टीम ने नेहरू नगर में बंसी अग्रवाल और विशाल केजरीवाल के यहां दबिश दी। खुर्सीपार में विनय अग्रवाल के घर भी टीम पहुंची। इसके अलावा धमतरी और महासमुंद में भी जांच चल रही है… छापे में महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल डेटा, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सोना-चांदी, और अचल संपत्तियों में निवेश से जुड़े डॉक्यूमेंट समेत 90 लाख रुपए जब्त किए गए। शराब घोटाले पर ACB और EOW एक्टिव हुई तो इस पर सियासी बयानबाजी भी शुरू हो गई। PCC चीफ दीपक बैज ने छापों पर सवाल उठाए। कांग्रेस ने ACB और EOW के छापों पर सवाल उठाए तो बीजेपी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को घेरा।
खास बात ये है कि EOW की कार्रवाई सिर्फ छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रही बल्कि झारखंड और महाराष्ट्र में भी इसे लेकर हलचल रही। झारखंड में दो IAS अधिकारियों विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया गया तो मुंबई के ठाणे में दो कारोबारियों के ठिकानों पर भी छापे पड़े। छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला करीब 2 हजार करोड़ का है, जिसमें पूर्व आबकारी मंत्री लखमा जेल में है। कांग्रेस के कई नेताओं समेत तत्कालीन अधिकारियों पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। ऐसे में अब सवाल है कि शराब घोटाले की जांच की आंच कहां तक पहुंचती है।