महासमुंद: Alert for H3N2 influenza in Chhattisgarh मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर. बंजारे ने सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि यह एक तीव्र श्वसन संक्रमण है। यह सीजनल वायरस के कारण होता है। उन्होंने बताया कि कुछ महीनों में दुनिया में सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के प्रकरण बढ़ रहे हैं। भारत में हर वर्ष सीजनल इन्फ्लूएंजा (एच3एन2) के 2 पीक, पहला जनवरी, मार्च तथा दूसरा मानसून के बाद देखने को मिलते हैं। इसमें मार्च के अंत में कमी आ सकती है। उन्होंने छोटे बच्चों और बुजुर्ग व्यक्तियों की जिसमें को-मॉर्बिडिटी हो उन्हें खासतौर पर इस सीजनल इन्फ्लूएंजा से सतर्क रहने की जरूरत है।
Alert for H3N2 influenza in Chhattisgarh मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.आर. बंजारे ने बताया कि इसके लक्षण के बारे में बताया कि मौसमी इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमणों के लक्षण सामान्य बुखार, सर्दी, जुकाम, गले में खराश, सांस लेने, गले में तकलीफ होना या निमोनिया जैसे लक्षण हो सकते है। आमतौर पर एक संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने, छींकने या बात करने पर निकलने वाले बूंदो से फैलता है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गां और को-मॉर्बिडिटी समस्या वाले व्यक्तियों का संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है।
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने इसके बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि व्यक्ति साबुन एवं पानी से अच्छी तरह हाथ धोएं, मॉस्क पहनें और भीड़ वाली जगहों से बचे, खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को ढंके, आंखों और नाक को बार-बार न छुंए, पर्याप्त मात्रा मंब तरल पदार्थां का सेवन करें, डॉक्टर की सलाह के बिना एंटीबायोटिक ना लें, सार्वजनिक जगहों पर न थूकें, बुखार और बदन दर्द हो तो पैरासिटामाल लें।