गुरू घासीदास केन्द्रीय विवि में NAAC एक्रीडिटेशन जागरुकता कार्यशाला का आयोजन, कुलपति ने कहा-'देश में नवाचार की मिसाल बनेगा सीयू' |NAAC Accreditation Awareness Workshop organized at Guru Ghasidas Central University

गुरू घासीदास केन्द्रीय विवि में NAAC एक्रीडिटेशन जागरुकता कार्यशाला का आयोजन, कुलपति ने कहा-‘देश में नवाचार की मिसाल बनेगा सीयू’

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : November 26, 2021/8:22 pm IST

बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में मिसाल बनेगा। यह बात उद्घाटन कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के माननीय कुलपतिप्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कही है। ‘रिवाइज्ड फ्रेमवर्क ऑफ नैक एक्रीडिटेशनः एन अवेयरनेस प्रोग्राम‘ विषय पर राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद द्वारा प्रायोजित एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज के जयंती सभागार में किया गया था।

यह आयोजन ब्लेंडेड मोड (ऑनलाइन-फेसबुक लाइव तथा यूट्यूब लाइव एवं ऑफलाइन) में हुआ। कार्यशाला के संयोजक प्रो.ए.एस. रणदिवे निदेशक आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ ने स्वागत उद्बोदन एवं कार्यशाला के विषय का प्रवर्तन किया। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि यह पहला अवसर है जब ‘नैक’ के तीन प्रतिनिधि एक साथ एक संस्थान में अपना मार्गदर्शन दे रहे हैं।

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कुलपति ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में यह प्रावधान किया गया है कि बिना प्रत्यायन के कोई भी उच्च शिक्षण संस्थान संचालित नहीं हो पाएगा। नैक का प्रत्यायन अनिवार्य होने जा रहा है जो पहले स्वैच्छिक था। हमारा विश्वविद्यालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप नैक के प्रत्यायन के लिए सकारात्मक एवं सक्रिय रूप से अथक प्रयास कर रहा है। उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों से आव्हान किया कि आपमें असीम संभावनाएं हैं इसका संपूर्ण उपयोग करते हुए विश्वविद्यालय के समग्र विकास में अपना सार्थक योगदान प्रदान करें।

कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने बताया कि छत्तीसगढ़ और आसपास के क्षेत्र के लिए हमारे विश्वविद्यालय को नैक का सहयोग संगठन बनाये जाने के लिए सैद्धांतिक सहमति प्रदान की गई है जो केन्द्रीय विश्वविद्यालय के लिए गौरव का विषय है। नैक की ग्रेडिंग प्रारंभ होने से देश के उच्च शिक्षण संस्थानों की गुणवत्ता लगातार बढ़ रही है। यही कारण है कि पूरी दुनिया में भारतीय प्रोफेशनल एवं छात्रों की स्वीकार्यता निरंतर बढ़ रही है। आने वाले समय में नैक के अतिरिक्त अन्य संस्थाएं भी ग्रेडिंग का कार्य संपादित करेंगी।

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कार्यशाला में बाह्य विशेषज्ञों के रूप में डॉ. रुचि त्रिपाठी, सहायक सलाहकार नैक ओवरऑल अस्सिमेंट एंड एक्रीडेटेशन ऑफ नैक आईआईक्यूए विषय पर व्याख्यान दिया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों को मूल्यांकन एवं प्रत्यायन को अनिवार्य बनाया गया है। उनके द्वारा प्रत्यायन हेतु आवेदन एवं नैक की प्रक्रिया के विषय में विस्तार से जानकारी दी गई।

डॉ. लीना गेहने उप सलाहकार नैक बैंगलोर ने एसएसआर एवं डीवीवी विषय पर जानकारी प्रदान करते हुए सेल्फ स्टडी रिपोर्ट बनाये जाने की प्रक्रिया के विषय में विस्तार से चर्चा की। अंतरराष्ट्रीय मानकों को ध्यान में रखते हुए नैक पहली संस्था है जो शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के फीडबैक को संकलित करने के कार्य की पहल की है।

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डॉ. नीलेश पांडे सहायक सलाहकार नैक एसएसआर एंड पीयर टीम विजिट एंड लॉजिस्टिक विषय के में बताया। उन्होंने कहा कि मूल्यांकन एवं प्रत्यायन से उच्च शिक्षण संस्थान को मिलने वाली अनुदान राशि में बढ़ोत्तरी होती है साथ ही संबंध्दता के पक्ष को मजबूती मिलती है। इसके माध्यम से उच्च शिक्षण संस्थानों का समावेशी विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान स्कोर के मूल्यांकन के साथ अपने कमजोर पक्ष को मजबूत करने का अवसर प्राप्त होता है।

गुरु घासीदास विश्वविद्यालय के प्रोफेसर चक्रवाल ने राज्यपाल मंगुभाई पटेल से की मुलाकात

 
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