Narayanpur News : अपर कलेक्टर ने महिला डॉक्टर के लिए किया अभद्र भाषा का इस्तेमाल! धरने पर बैठे डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी
Narayanpur News: ट्रांजिट हॉस्टल में रूम आवंटन को लेकर महिला डॉक्टर और अपर कलेक्टर के बीच कहासुनी के बाद डॉक्टरों ने अपर कलेक्टर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। महिला डॉक्टर ने दावा किया है कि अपर कलेक्टर ने उनके साथ अनुचित भाषा और व्यवहार किया।
- जिला अस्पताल में ओपीडी की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप
- ट्रांजिट हॉस्टल में रूम आबंटन को लेकर हुए कथित विवाद
नारायणपुर: Narayanpur News, नारायणपुर जिले में एक महिला डॉक्टर और अपर कलेक्टर के बीच ट्रांजिट हॉस्टल में रूम आबंटन को लेकर हुए कथित विवाद ने गंभीर रूप ले लिया है। आरोपों के बाद जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने OPD सेवाओं का बहिष्कार कर धरने पर बैठने का निर्णय लिया है। जिससे आम मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
ट्रांजिट हॉस्टल में रूम आवंटन को लेकर महिला डॉक्टर और अपर कलेक्टर के बीच कहासुनी के बाद डॉक्टरों ने अपर कलेक्टर पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। महिला डॉक्टर ने दावा किया है कि अपर कलेक्टर ने उनके साथ अनुचित भाषा और व्यवहार किया। जिसके विरोध में नारायणपुर जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर एकजुट हो गए हैं।
जिला अस्पताल में ओपीडी की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप
आज दिनांक 26 जून दिन गुरुवार सुबह 9 बजे से ही डॉक्टरों ने OPD सेवाएं बंद कर अस्पताल परिसर के बाहर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। डॉक्टरों की मांग है कि जब तक अपर कलेक्टर सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तब तक वे आंदोलन पर डटे रहेंगे।
Narayanpur News, इस हड़ताल को अन्य स्वास्थ्यकर्मियों का भी समर्थन मिल रहा है, जिससे जिला अस्पताल में ओपीडी की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप हो गई है। इलाज के लिए पहुंचे मरीजों और उनके परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, पूरे घटनाक्रम को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगई ने निष्पक्ष जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है। साथ ही, हड़ताल समाप्त कराने और समाधान निकालने के लिए एसडीएम के निर्देशन में एक मध्यस्थता टीम गठित कर दी गई है।
नारायणपुर जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं इस प्रशासनिक विवाद की भेंट चढ़ गई हैं। जहां एक ओर डॉक्टर अपनी गरिमा की रक्षा के लिए संघर्षरत हैं। वहीं दूसरी ओर आमजन स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं। अब प्रशासन पर जिम्मेदारी है कि वह जल्द से जल्द समाधान निकाले, ताकि जिला अस्पताल की सेवाएं पुनः सामान्य हो सकें और जनहित प्रभावित न हो।

Facebook



