CG Naxal News: नक्सलियों ने फिर की शांति वार्ता की अपील, सरकार को प्रतिनिधि मंडल बनाने को कहा, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र
CG Naxal News: नक्सलियों ने फिर की शांति वार्ता की अपील, सरकार को प्रतिनिधि मंडल बनाने को कहा, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ पत्र
CG Naxal News | Photo Credit: IBC24
- माओवादियों ने पत्र के जरिए शांति वार्ता की इच्छा जताई
- सरकार से एक महीने का युद्ध विराम करने की मांग
- लगातार आत्मसमर्पण और नेताओं के मारे जाने से कमजोर हो रहा संगठन
जगदलपुर: CG Naxal News छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र में हथियारों के दम पर खौफ फैला रहा ‘लाल आतंक’ अब अपनी अंतिम सांस ले रहा है। सुरक्षाबलों के अभियान से अब नक्सलियों में खौफ पैदा हो गई है। जिसकी वजह से अब माओवादी शांति वार्ता की तरफ आगे बढ़ रहे है। इसी बीच एक बार फिर माओवादियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय का एक और पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र में प्रवक्ता ने इस बात का जिक्र किया है कि यह पत्र हम कुछ विलंब से जारी कर रहे हैं, पत्र पर लिखित तारीख 15 अगस्त की है, लेकिन इस पत्र का मजमून भी शांति वार्ता की तरफ है।
CG Naxal News पत्र में नक्सली बिना किसी शर्त के शांति वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी उन्होंने शांति वार्ता से पहले एक महीने की युद्ध विराम की पेशकश की है। जिससे वह अपने अन्य लीडर और कमेटी के सदस्यों से संपर्क कर इस मामले में बातचीत के लिए तैयारी कर सकें। हालांकि इस पत्र की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
अभय ने कहा है कि सरकार को चाहिए कि वह शांति वार्ता की तरफ हाथ बढ़ाते हुए आंशिक युद्ध विराम करें। खोजी अभियानों को बंद करें और शांति वार्ता के लिए अनुकूल माहौल तैयार करें। इसकी वजह भी उन्होंने यह बताई है कि उनका अधिकांश पार्टी कैडर से संपर्क नहीं है और ऐसी कोई भी निर्णय लेना कठिन है। यह पत्र ऐसे समय वायरल है जब झारखंड और छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में केंद्रीय कमेटी के दो और प्रमुख नेता मारे जा चुके हैं।
वहीं हर नए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं। जहां बड़ी संख्या में माओवादियों के समर्थन या संगठन में सक्रिय लोग आत्मसमर्पण कर रहे हैं। माओवादियों ने कहा है कि केंद्रीय गृहमंत्री इस दिशा में प्रयास करें और बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करें। हालांकि यह पहली बार है जब माओवादियों ने बाकायदा इस बात का जिक्र किया है कि वह फोन नंबर पर और ईमेल के जरिए सरकार से इस संदर्भ में जवाब का इंतजार कर रहे हैं।


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