भारतमाला सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण धोखाधड़ी में आरोपी पटवारी ने आत्महत्या की

भारतमाला सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण धोखाधड़ी में आरोपी पटवारी ने आत्महत्या की

भारतमाला सड़क परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण धोखाधड़ी में आरोपी पटवारी ने आत्महत्या की
Modified Date: June 28, 2025 / 12:03 am IST
Published Date: June 28, 2025 12:03 am IST

बिलासपुर, 27 जून (भाषा) छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में भारतमाला परियोजना के तहत सड़क निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में कथित अनियमितता के मामले में निलंबित एक पटवारी (राजस्व कर्मचारी) ने शुक्रवार को कथित तौर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

जिले के सकरी थाना के प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि सुरेश कुमार मिश्रा का शव आज दोपहर सकरी थाना क्षेत्र के जोकी गांव में उसकी बहन के फार्म हाउस के एक कमरे के छत में लगे हुक से बंधे फंदे से लटका पाया गया।

उन्होंने बताया कि घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया।

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अधिकारी ने बताया कि घटनास्थल पर एक पत्र बरामद किया गया है, जिसमें लिखा गया है वह निर्दोष है और कथित अनियमितता (सड़क परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण और मुआवजा देने) में कुछ अन्य राजस्व अधिकारी और एक ग्रामीण संलिप्त है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि वहां जिला कलेक्टर को संबोधित एक पत्र भी मिला, जिसमें मिश्रा ने खुद को निर्दोष बताया और अपनी बहाली का अनुरोध किया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा मामले की जांच की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि मिश्रा 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले थे।

उन्होंने बताया कि 25 जून को तत्कालीन तहसीलदार डीआर उइके और तत्कालीन पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए (बिलासपुर-उरगा) मुख्य सड़क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और मुआवजे की गणना में कथित रूप से अनियमितता करने के आरोप में तोरवा थाने में मामला दर्ज किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) बिलासपुर और जिला स्तरीय समिति द्वारा जांच के बाद वर्तमान तहसीलदार की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।

उन्होंने बताया कि जांच से पता चला कि राजस्व रिकॉर्ड में जालसाजी और भूमि के अवैध हस्तांतरण/विभाजन के कारण अतिरिक्त मुआवजा की गणना की गई, जिससे सरकारी खजाने को आर्थिक क्षति होती।

अधिकारियों ने बताया कि प्रकरण पंचाट (आर्बिटेटर) में लंबित होने के कारण मुआवजा वितरित नहीं हो पाया है तथा सड़क निर्माण कार्य बाधित है, जिसके कारण आम लोग सड़क सुविधा से वंचित हो रहे हैं तथा सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

उन्होंने बताया कि मिश्रा को 24 जून को निलंबित कर दिया गया था।

भाषा सं संजीव संतोष

संतोष


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