प्रधानमंत्री के हाथों नये संसद भवन का उद्घाटन आंबेडकर के सपनों का अपमान होगा : प्रमोद तिवारी |

प्रधानमंत्री के हाथों नये संसद भवन का उद्घाटन आंबेडकर के सपनों का अपमान होगा : प्रमोद तिवारी

प्रधानमंत्री के हाथों नये संसद भवन का उद्घाटन आंबेडकर के सपनों का अपमान होगा : प्रमोद तिवारी

:   Modified Date:  May 27, 2023 / 09:10 PM IST, Published Date : May 27, 2023/9:10 pm IST

रायपुर, 27 मई (भाषा) कांग्रेस से राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने शनिवार को केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत सरकार पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों नये संसद भवन का उद्घाटन डॉ. भीमराव आंबेडकर के सपनों का अपमान होगा।

पार्टी के राष्ट्रव्यापी अभियान ‘नौ साल, नौ सवाल’ के तहत रायपुर में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए तिवारी ने महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार सहित नौ मुद्दों पर केंद्र से सवाल किए और कहा कि प्रधानमंत्री को अपनी चुप्पी तोड़नी चाहिए।

उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर नौ साल के शासन के दौरान लोगों को धोखा देने का आरोप भी लगाया।

तिवारी ने कहा, “कल प्रधानमंत्री द्वारा नये संसद भवन का उद्घाटन किया जाएगा। यह बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के सपने के साथ-साथ संविधान का भी अपमान होगा, क्योंकि भवन का उद्घाटन देश के प्रथम नागरिक के माध्यम से नहीं किया जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि हमारे बार-बार आग्रह करने के बावजूद उद्घाटन संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों नहीं कराया जा रहा है।

राज्यसभा सांसद ने कहा, “प्रोटोकॉल के हिसाब से राष्ट्रपति के बाद राज्यसभा के सभापति का स्थान है। (उद्घाटन समारोह के) आमंत्रण में यह उल्लेख किया गया है कि प्रधानमंत्री लोकसभा अध्यक्ष की उपस्थिति में भवन का उद्घाटन करेंगे, लेकिन राज्यसभा के सभापति के बारे में कोई जिक्र नहीं है।”

किसी का नाम लिए बगैर तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार एक चीज के लिए जानी जाएगी, वह है दोस्ती के लिए देश को बेचना।

उन्होंने केंद्र से सवाल किया, “अडाणी को फायदा पहुंचाने के लिए एलआईसी (जीवन बीमा निगम) और एसबीआई (भारतीय स्टेट बैंक) में जमा लोगों की गाढ़ी कमाई को दांव पर क्यों लगाया गया? चोरों को भागने क्यों दिया जाता है? आप भाजपा शासित राज्यों में भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हैं।”

तिवारी ने दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर किए जाने के केंद्र सरकार के फैसले पर चुटकी ली। उन्होंने कहा कि सरकार को उस चिप को हटा देना चाहिए, जिसके बारे में दावा किया गया था कि इसे भ्रष्टाचार की जांच के लिए नोटों में लगाया गया था, क्योंकि यह बहुत महंगी है।

कांग्रेस सांसद ने चीन के साथ सीमा विवाद और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराध को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा।

भाषा

संजीव संजीव पारुल

पारुल

 

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