Bhilai Robbery News : अंतर्राज्यीय डकैत गिरोह के सदस्य को पुलिस ने किया गिरफ्तार, गहने खरीदने वाला भी चढ़ा हत्थे
Bhilai Robbery News : दुर्ग जिले में हुई दो बड़ी डकैती करने वाले अंतर्राज्यीय डकैत गिरोह के एक आरोपी भंगू डावर को गिरफ्तार किया है।
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भिलाई : Bhilai Robbery News : दुर्ग जिले में हुई दो बड़ी डकैती करने वाले अंतर्राज्यीय डकैत गिरोह के एक आरोपी भंगू डावर को दुर्ग पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मध्यप्रदेश के धार जिले के टांडा एरिया से गिरफ्तार किया है। साथ ही डकैती के गहने खरीदने वाले एक एजेंट भुर सिंह को भी गिरफ्तार किया है। बता दें कि इन डकैत गिरोह ने कुछ महीने पहले रसमड़ा में पति-पत्नी को बंधक बनाकर आरोपियों ने 20 लाख से ज्यादा के गहने लूट कर डकैती की। फिर 20 दिन बाद हाई सिक्यूरिटी वाले एनएसपीसीएल की कॉलोनी के एक सूने मकान से 45 लाख की डकैती कर ली। इसके बाद लगातार दुर्ग पुलिस इन डकैतों की तलाश में थी। बिना किसी क्लू के दुर्ग पुलिस की टीम लंबे समय से डकैतों की पतासाजी करने में नाकाम थी, लेकिन आईजी गर्ग और एसपी जितेन्द्र शुक्ला ने इसके लिए एक स्पेशल टीम गठित की। जिसके बाद पुलिस की टीम मध्यप्रदेश के धार जिले के टांडा क्षेत्र से आरोपी को गिरफ्तार कर लाई। बता दें कि, क्राइम ब्रांच के डीएसपी हेमप्रकाश नायक सहित अंजोरा पुलिस चौकी की टीम के सदस्य 22 दिनों तक वेश बदलकर वहां कैंप किए हुए थे जिसके चलते पुलिस आऱोपी तक पहुंच पाई।
एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर ने किया खुलासा
Bhilai Robbery News : एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौर और दुर्ग सीएसपी चिराग जैन ने बताया कि, साढ़े पांच सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज औऱ् हजार से ज्यादा मोबाइल के सीडीआऱ् खंगालने के बाद क्राइम ब्रांच को सुराग मिला और टीम लगातार मध्यप्रदेाश के धार जिले के टांडा क्षेत्र में पतासाजी करने लगी। डकैत गिरोह के एक आऱोपी को धर दबोचा। वहीं इन डकैतो से गहने खरीदने वाला एक एजेंट भी टीम की गिरफ्त में आ गया। हालांकि अभी मुख्य आरोपी सहित चार आऱोपी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, लेकिन वे भी जल्द पकड़े जाएंगे।
इधर क्राइम ब्रांच के डीएसपी हेमप्रकाश नायक ने बताया कि, टांडा ऐसा एरिया है जहां कई गांव के लोग डकैती औऱ् चोरी का ही काम करते हैं। जब वे यहां पहुंचे तो ग्रामीणों ने भी उन्हें घेर लिया था, लेकिन सूझबूझ और लोकल पुलिस के सहयोग से वे वहां से बाहर निकल पाए। उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में टेक्नीकल इनपूट कम थे, लेकिन मैनुअल इनपुट के जरिए पुलिस आऱोपी तक पहुंच ही गई।

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