अखाड़े में रामराज्य, सियासत कब आएगी बाज? प्रभु श्रीराम पर सियासी बयानबाजी क्यों और क्या कांग्रेस और BJP का रामराज्य अलग-अलग है?

अखाड़े में रामराज्य, सियासत कब आएगी बाज? Political rhetoric about Ramrajya between BJP and Congress, Read full news

अखाड़े में रामराज्य, सियासत कब आएगी बाज? प्रभु श्रीराम पर सियासी बयानबाजी क्यों और क्या कांग्रेस और BJP का रामराज्य अलग-अलग है?

Political rhetoric about Ramrajya

Modified Date: May 8, 2023 / 11:39 pm IST
Published Date: May 8, 2023 11:28 pm IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ में करीब 190 दिन बाद विधानसभा की 90 सीटों के लिए वोटिंग होनी है। इससे पहले राजनीतिक पार्टियां अपना एजेंडा लेकर चुनावी अखाड़े में कूद पड़ी हैं। इसके साथ ही BJP नेता लगातार कांग्रेस को अपनी फेवरट पीच पर खेलने को विवश कर रहे हैं।यही वजह है कि भाजपाई घूमफिर कर हर बार हिंदूवादी मुद्दे पर ही आ जाते हैं। इस बार हमला सीधे CM भूपेश बघेल पर हुआ, जिसका जवाब भी उसी अंदाज में मिला।

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दरअसल, छत्तीसगढ़ BJP के सह प्रभारी नितिन नबीन ने सीधे CM पर हमला बोलते हुए कहा कि रामराज्य समझने के लिए उन्हें सौ जन्म लेने होंगे। इस पर कांग्रेस ने BJP के शासनकाल को कटघरे में खड़ा करते हुए जवाब दिया कि छत्तीसगढ़ में बीते साढ़े चार साल से रामराज्य की परिकल्पना साकार हो रही है। रामराज्य पर शुरू हुई सियासी बयानबाजी यहीं नहीं थमी। कांग्रेस और भाजपा दोनों ओर से तरकश संभाले महारथियों ने एक दूसरे पर तीखे तीर चलाए।

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सवाल है कि प्रभु श्रीराम पर लगातार सियासी बयानबाजी क्यों हो रही है। क्या कांग्रेस और BJP का रामराज्य अलग है? क्या BJP अपने समीकरणों को साधने के लिए बार-बार हिंदुत्व का मुद्दा उछाल रही है और कांग्रेस BJP के पिच पर खेलने के लिए विवश है।

 

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