रायपुर। politics heats on the issue of cow देश की राजनीति में गाय सबसे बड़े मुद्दों में एक है। गौशालों और हिंदू धर्मग्रंथों से निकलकर गाय राजनीतिक पशु बन चुकी है। आए दिन राजनीतिक पार्टियां खुद को गाय का सबसे बड़ा हितैषी बताती रहती हैं। देश में जब आम लोग स्वच्छता अभियान से जुड़ने लगे तो यह भी राजनीतिक पार्टियों का पसंदीदा मुद्दा बन गया। भाजपा और कांग्रेस इन दोनों मुद्दों को भुनाने में सबसे मुखर हैं। छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भाजपा के इन दोनों मुद्दों को उसके खिलाफ ही इस्तेमाल कर एक बार फिर केंद्र को सीधी चुनौती दे दी है।
politics heats on the issue of cow सीएम भूपेश बघेल के इस बयान ने गाय की राजनीति को फिर केंद्र में ला दिया है। गांधी जयंती पर रायपुर में ‘गांधी, युवा और नये भारत की चुनौतियां‘ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सीएम ने साफ कहा कि आज देश में गाय पर राजनीति हो रही है। दुनिया में गाय दूध देने का काम करती है लेकिन हमारे देश में गाय वोट देने का काम करती है। गाय के नाम पर देश में अराजकता फैलाई जा रही है।
भूपेश ने स्वच्छता अवॉर्ड पर भी सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासित राज्य होने के कारण छत्तीसगढ़ को स्वच्छता अवॉर्ड नहीं मिला। उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों को एक समान 11-11 अंक मिले और अन्य मानकों में भी छत्तीसगढ़ आगे रहा। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ को अवॉर्ड नहीं दिया गया।
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भाजपा ने सीएम भूपेश के बयान को सिरे से खारिज कर दिया। नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि गाय पर सीएम भूपेश राजनीति कर रहे हैं। गौठान बनाए गए लेकिन गायें सड़कों पर अकाल मर रही हैं। उन्होंने स्वच्छता अवॉर्ड पर भेदभाव के आरोपों से भी इंकार कर दिया। गाय और स्वच्छता दोनों ही हॉट मुद्दे हैं। प्रदेश में चुनावी माहौल बनने लगा है। जाहिर है मुद्दों पर लड़ाई के साथ मुद्दों की लड़ाई भी होगी।