‘बाहरी ताकत’ से शांति भंग.. अवैध बसाहट पर नई जंग! छत्तीसगढ़ की शांति में कौन घोल रहा जहर

'बाहरी ताकत' से शांति भंग.. अवैध बसाहट पर नई जंग! Politics heats up again in Chhattisgarh over Rohingya Muslims

‘बाहरी ताकत’ से शांति भंग.. अवैध बसाहट पर नई जंग! छत्तीसगढ़ की शांति में कौन घोल रहा जहर
Modified Date: May 10, 2023 / 12:09 am IST
Published Date: May 10, 2023 12:09 am IST

रायपुरः नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने रोहिंग्या मुलमानों को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आरोपों का समर्थन किया है। अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा था प्रदेश में अशांति के लिए रोहिंग्या जिम्मेदार हैं। इस पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार को घेर लिया। सवाल है कि छत्तीसगढ़ में कितने रोहिंग्या हैं? क्या किसी के पास इसका कोई आंकड़ा है या बिना किसी आधार के आरोप-प्रत्यारोप हो रहा है। लेकिन यदि आरोपों में जरा सी भी सच्चाई है तो ये वाकई अलार्मिंग स्थिति है।

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ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के दावे के बाद छत्तीसगढ़ में एक बार फिर शरणार्थियों का मुद्दा गर्मा गया है। शंकराचार्य ने आरोप लगाया कि सूबे में मजहबी बखेड़ों के लिए रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान जिम्मेदार हैं। शंकराचार्य के इस आरोप पर जुबानी जंग छिड़ गई है। भाजपा के पास भले ही शरणार्थियों का कोई आंकड़ा नहीं लेकिन वो भी इस आरोप से सहमत है। वहीं कांग्रेस इसे सिरे से खारिज कर रही है।

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दरअसल, देश के बंटवारे के बाद विस्थापितों को संयुक्त मध्यप्रदेश में भी बसाया गया था। पखांजूर के 295 में से 133 गांव बांग्लादेशी शरणार्थियों के लिए बसाए गए थे। इसी तरह रायपुर के माना कैंप, सरगुजा और रायगढ़ में भी शरणार्थी आकर बसते गए। धीरे-धीरे ये तबका बड़ा वोट बैंक बन चुका है। आरोप है कि राजनीतिक शह की वजह से घुसपैठ अब भी जारी है, हालांकि आरोप लगाने वालों के पास इसका कोई ठोस आधार नहीं है। ऐसे में ये सवाल तो बनता है कि अपराधों के लिए रोहिंग्या और बांग्लादेशी जिम्मेदार हैं या उनके नाम पर सिर्फ सियासी रोटियां सेंकी जा रही हैं।

 


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।