सदस्यता अभियान पर सियासत! ‘सदस्यता’ पर वार-पलटवार… 

Politics on membership campaign! Attack on 'membership'...

Modified Date: November 29, 2022 / 08:41 pm IST
Published Date: November 3, 2021 10:11 pm IST

रायपुरः प्रदेश में विधानसभा चुनाव भले 2023 में होनी है, लेकिन कांग्रेस अभी से एक्टिव मोड में नजर आ रही है। 1 नवंबर से सदस्यता अभियान शुरू कर कांग्रेस अपने कुनबे को बढ़ाने में जुट गई है। मार्च 2022 तक चलने वाले इस अभियान की शुरूआत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की। कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में 10 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि कांग्रेस की सदस्यता फॉर्म में शराब नीति को लेकर दी गई शर्तें चर्चा में है.. वहीं बीजेपी नेता भी कांग्रेस पर नकल करने का आरोप लगा रहे हैं।

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बात 1 नवंबर की है जब राजधानी रायपुर के टर्निंग प्वाइंट चौक पर सीएम भूपेश बघेल ने कांग्रेस के सदस्यता अभियान की शुरूआत की। इस मौके पर सैकड़ों लोगों को कांग्रेस की सदस्यता दिलाएगी। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अपने कुनबे को बढ़ाने के लिये मार्च 2022 तक इस अभियान को चलाएगी। पूरे देश में करोड़ों वोटर्स को कांग्रेस पार्टी से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है..जबकि छत्तीसगढ़ में पीसीसी ने ये टारगेट 10 लाख तय किया है।

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इससे पहले 2017-18 में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने 6 लाख 2 हजार सदस्य बनाए थे। जिसके बाद कांग्रेस प्रदेश की सत्ता में वापसी करने में सफल रही लेकिन इस बार कांग्रेस ने नए सदस्यों के लिए 10 महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसमें सबसे प्रमुख नए सदस्य की उम्र 18 वर्ष या इससे अधिक हो। सदस्य खादी पहनने वाला हो और मादक पेय या नशीले पदार्थों का सेवन न करता हो। बहरहाल कांग्रेस की सदस्यता अभियान को लेकर प्रदेश मे राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कांग्रेस ही देश को आगे बढ़ा सकती है। इसके अलावा बीजेपी की सदस्यता अभियान पर भी तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी ने मिस्ड कॉल देकर फर्जी सदस्यता अभियान चलाया था। वहीं बीजेपी कांग्रेस के सदस्यता अभियान पर उसकी नकल करने के लिये तंज कस रही है।

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जाहिर है बीते 2 साल कोरोना की वजह से कांग्रेस सदस्यता अभियान शुरू नहीं कर पाई थी, लेकिन आगामी चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अपने वोटर्स की संख्या बढ़ाने की मुहिम तेज कर दी है.. सभी जिला और ब्ल़क पदाधिकारियों समेत जनप्रतिनिधियों को भी इसकी जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या सदस्यता अभियान से कांग्रेस को मजबूती मिलेगी। क्योंकि बीजेपी ने अपने शासनकाल में मिस्ड कॉल देकर 46 लाख सदस्य बनाए गए थे लेकिन वो 14 सीटों पर सिमट गई थी। जबकि विपक्ष में रहते हुए कांग्रेस ने 6 लाख 2 हजार नए मेंबर बनाकर 70 सीटों पर जीत हासिल की, लेकिन सत्ता में रहने के बावजूद कांग्रेस ने जो लक्ष्य तय किया है। उसमें केवल 4 लाख की बढ़ोत्तरी है। क्या वो सत्ता में बने रहने के लिए काफी होगा..ये बड़ा सवाल है।

 

 


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।