Raipur news: रायपुर नगर निगम के पार्षद को मिली अनुकंपा नियुक्ति, जनप्रतिनिधि को सरकारी नौकरी पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
Raipur news: रायपुर नगर निगम के भाजपा पार्षद को अनुकंपा नियुक्ति के रूप में भृत्य के पद पर नियुक्ति दे दी गयी है। यह नियुक्ति उनके मां की मृत्यु के बाद दी गयी है। किसी जनप्रतिनिधि को नियमतः सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है।
- निगम के पार्षद कैलाश बेहरा को भृत्य की नौकरी
- जनप्रतिनिधि को नियमतः सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती
- पार्षद ने अब अपनी बहन को नियुक्ति देने की मांग की
रायपुर: Raipur news, छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने रायपुर नगर निगम के पार्षद कैलाश बेहरा को भृत्य की नौकरी दिए जाने का मामला उठाया है । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि विष्णु के सामान्य प्रशासन एवं नगरीय निकाय विभाग ने अनोखा कारनामा कर दिखाया है। रायपुर नगर निगम के भाजपा पार्षद को अनुकंपा नियुक्ति के रूप में भृत्य के पद पर नियुक्ति दे दी गयी है। यह नियुक्ति उनके मां की मृत्यु के बाद दी गयी है। किसी जनप्रतिनिधि को नियमतः सरकारी नौकरी नहीं दी जा सकती है।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ऐसा लगता है, कि ये सरकार भांग खा कर चल रही है। इस पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने कहा कि आवेदन के तुरंत बाद अनुकंपा नहीं मिलती । पुराना मामला होगा इस बीच पार्षद बन गए होंगे। अब जो भी होगा नियम प्रक्रिया के तहत होगा । इधर इस मामले में यह भी पता चला है कि उक्त पार्षद ने अब अपनी बहन को नियुक्ति देने की मांग की है ।
जानिए क्या है मामला ?
Raipur news, कैलाश बेहरा रायपुर नगर निगम में भाजपा के पार्षद हैं। उनकी मां नगर निगम की कर्मचारी थीं और उनके निधन के बाद बेहरा ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग की थी। शासन ने इस पर विचार करते हुए उन्हें निगम में भृत्य के पद पर नियुक्त कर दिया। आदेश 16 सितंबर 2025 को जारी किया गया है
एक तरफ पार्षद के रूप में वह पहले से ही निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, दूसरी तरफ उन्हें सरकारी कर्मचारी के तौर पर नियुक्त किया जा रहा है। यह दोहरी भूमिका न केवल संवैधानिक रूप से सवालों के घेरे में है, बल्कि प्रशासनिक नियमों के भी खिलाफ मानी जा रही है।
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