Raipur News: रायपुर के इकलौते न्यूरोलॉजिस्ट का इस्तीफा! इलाज के लिए भटक रहे सैकड़ों मरीज, करना पड़ रहा परेशानियों का सामना

रायपुर के DKS अस्पताल से इकलौते न्यूरोलॉजिस्ट का इस्तीफा ना सिर्फ अस्पताल की व्यवस्था को हिला गया, बल्कि प्रदेशभर में न्यूरोलॉजी सेवाओं की कमजोर नींव को भी उजागर कर गया है। अब मरीज भटक रहे हैं और सरकार अभी भी खामोश है।

Raipur News: रायपुर के इकलौते न्यूरोलॉजिस्ट का इस्तीफा! इलाज के लिए भटक रहे सैकड़ों मरीज, करना पड़ रहा परेशानियों का सामना
Modified Date: October 4, 2025 / 11:18 am IST
Published Date: October 4, 2025 11:09 am IST
HIGHLIGHTS
  • प्रदेश के इकलौते सरकारी न्यूरोलॉजिस्ट का इस्तीफा।
  • DKS और मेकाहारा दोनों अस्पतालों में अब न्यूरोलॉजी विभाग खाली।
  • माइग्रेन, मिर्गी और ब्रेन स्ट्रोक जैसी गंभीर बीमारियों के मरीज इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं।

Raipur News: राजधानी रायपुर के DKS सुपर स्पेशलिटी अस्पताल से प्रदेश के इकलौते न्यूरोलॉजिस्ट ने हाल ही में इस्तीफा दे दिया है। अचानक हुए न्यूरोलॉजिस्ट के इस्तीफे ने अस्पताल के माहौल को हिला कर रख दिया है। अब ना सिर्फ DKS बल्कि प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल मेकाहारा (अंबेडकर हॉस्पिटल) में भी न्यूरोलॉजी विभाग पूरी तरह खाली हो चुका है। DKS अस्पताल के इकलौते न्यूरोलॉजिस्ट ने बिना कोई बड़ी घोषणा किए अपना पद छोड़ दिया जिससे न सिर्फ मरीजों के इलाज पर सवाल उठ गए हैं बल्कि पूरे प्रदेश में न्यूरोलॉजी विभाग की गंभीर स्थिति भी उजागर हो गई है। अब सवाल ये है कि इस खाली पद को कब और कैसे भरा जाएगा।

सालों से वेतन नहीं बढ़ा, अब दिया इस्तीफ़ा

जानकारी के मुताबिक, इस सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट ने बीते कई सालों से वेतन में बढ़ोतरी की मांग की थी लेकिन बहुत समय तक अनदेखा किये जाने और सिर्फ आश्वासन मिलने के बाद उन्होंने आखिरकार इस्तीफ़ा देने का फैसला किया। डॉक्टर का कहना है कि काम का दबाव दिन-ब-दिन बढ़ता गया लेकिन उनको वित्तीय और पेशेवर सम्मान नहीं मिला। फिर उन्होंने खुद को इस व्यवस्था से अलग कर लिया।

मरीज भटकने को मजबूर हुए

DKS और मेकाहारा में हर दिन माइग्रेन, मिर्गी, स्ट्रोक, स्पैरालिसिस, पार्किंसन और अल्जाइमर जैसे बीमारियों से पीड़ित सैकड़ों मरीज अपनी परेशानी लेकर पहुंचते हैं। लेकिन अब अस्पताल में कोई न्यूरोलॉजिस्ट मौजूद नहीं है। इस कारण मरीजों और उनके परिजनों को या तो इलाज के लिए निजी अस्पतालों की ओर रुख करना पड़ रहा है जहां इलाज बेहद महंगा है या फिर कई मरीज बिना इलाज ही घर लौट जा रहे हैं।

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इलाज की उम्मीद टूटी

गांवों और दूरदराज से आने वाले गरीब मरीजों के लिए DKS और मेकाहारा ही आखिरी उम्मीद थे। अब उनके सामने बड़ा सवाल है कि वो आखिर इलाज कहां करवाएं। सरकारी अस्पतालों में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी पहले से थी लेकिन अब सुपर स्पेशलिटी सेवाओं का इस तरह ठप हो जाना सीधे-सीधे आम जनता को प्रभावित कर रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी

फिलहाल शासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन डॉक्टर के इस्तीफे के बाद विभाग में हलचल जरूर है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को तुरंत ऐक्शन लेना चाहिए ना सिर्फ नए न्यूरोलॉजिस्ट की नियुक्ति के लिए बल्कि मौजूदा डॉक्टरों की समस्याएं सुलझाने के लिए भी कोशिश करनी चाहिए ताकि आएगी भी आईसीसी कोई परेशां सामने न आये।

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