Gwalior Cyber Crime: न लिंक, न ओटीपी… फिर भी रिटायरमेंट की लाखों की रकम गायब! जानिए साइबर ठगों का नया खेल

Gwalior Cyber Crime: न लिंक, न ओटीपी… फिर भी रिटायरमेंट की लाखों की रकम गायब! जानिए साइबर ठगों का नया खेल

Gwalior Cyber Crime: न लिंक, न ओटीपी… फिर भी रिटायरमेंट की लाखों की रकम गायब! जानिए साइबर ठगों का नया खेल

Gwalior Cyber Crime/Image Source: IBC24

Modified Date: December 31, 2025 / 11:02 am IST
Published Date: December 31, 2025 11:02 am IST
HIGHLIGHTS
  • ग्वालियर में रिटायर्ड अधिकारी से साइबर ठगी
  • व्हाट्सएप कॉल के बाद खाते से उड़ाए 5 लाख
  • 'आपके व्हाट्सएप पर कुछ भेजा है' कहकर ठगी

ग्वालियर: Gwalior Cyber Crime:   ग्वालियर में एक रिटायर्ड अधिकारी को अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने सिर्फ इतना कहा कि आपके व्हाट्सएप पर कुछ भेजा है। जब व्हाट्सएप चेक किया तो उनके खाते से 5 लाख रुपये निकल चुके थे। ठगों ने न तो कोई ओटीपी ली और न ही कोई लिंक भेजी, फिर भी खाते से पैसे उड़ा लिए। जिसकी शिकायत रिटायर्ड अधिकारी ने साइबर क्राइम ब्रांच में की। वहीं पुलिस ने अज्ञात ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।

रिटायर्ड अधिकारी से साइबर ठगी (Gwalior cyber fraud)

Gwalior Cyber Crime: दरअसल ग्वालियर शहर के मुरार क्षेत्र में रहने वाले रमेश सिंह भदौरिया ढाई साल पहले कोल इंडिया एनसीएल सिंगरौली से सुपरवाइजर पद से रिटायर्ड हुए थे। सेवानिवृत्त होकर वे ग्वालियर अपने घर आ गए। हाल ही में उन्हें रिटायरमेंट का पैसा मिला था, जो उनके बैंक खाते में जमा था। लेकिन उन्हें तब झटका लगा, जब पिछले हफ्ते 22 दिसंबर को उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने उनसे कहा कि उसने उनके व्हाट्सएप पर कुछ भेजा है। इतना कहकर उसने फोन काट दिया। जब रमेश सिंह ने व्हाट्सएप खोलकर मैसेज देखा तो उसमें सिर्फ “HI” लिखा हुआ था। उसी समय उनके मोबाइल पर ओटीपी और बैंक से 5 लाख रुपये कटने का मैसेज आ गया। रमेश सिंह समझ नहीं पा रहे थे कि अचानक उनके खाते से रुपये कैसे निकल गए।

Gwalior Cyber Crime: वे तुरंत बैंक पहुंचे और मैनेजर को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद अकाउंट को तुरंत ब्लॉक कर दिया गया। इसी दौरान साइबर ठगों ने दो लाख रुपये और ट्रांसफर करने का प्रयास किया, लेकिन अकाउंट होल्ड हो जाने की वजह से रुपये नहीं निकल सके। इस घटना के बाद फरियादी रमेश सिंह ने 1930 पर कॉल कर साइबर फ्रॉड की रिपोर्ट की, साथ ही साइबर क्राइम सेल में भी शिकायत दर्ज कराई। जांच में पता चला कि यह रकम अन्य बैंक खातों में ट्रांसफर हुई है, जिसकी साइबर पुलिस जांच कर रही है।

 ⁠

यह भी पढ़ें


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।