CG Suspension and Termination News: जांजगीर में टीचर सस्पेंड तो धमतरी में मेडिकल ऑफिसर की नौकरी ख़त्म.. राज्य सरकार के निर्देश पर कार्रवाई से मचा हड़कंप
Govt employees suspension and termination order: यह कार्रवाई कदाचार के एवज में की गई है। दरअसल डॉक्टर एम ए नसीम जिला मलेरिया अधिकारी रहते हुए रिश्वत काण्ड में फंसे थे। 11 साल पहले 2014 में एसीबी ने उन्हें एक मलेरिया कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।
Govt employees suspension and termination order || Image- IBC24 News File
- बच्चों से धान छंटवाने वाला शिक्षक सस्पेंड, जांच जारी
- रिश्वत मामले में मलेरिया अधिकारी डॉक्टर नसीम बर्खास्त
- राज्य सरकार ने 11 साल पुराने मामले में कार्रवाई की
Govt employees suspension and termination order: रायपुर: राज्य शासन के निर्देश पर दो सरकार कर्मचारियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। पहला मामला जांजगीर-चाम्पा जिले से जुड़ा है। दरअसल पिछले दिनों शासकीय प्रायमरी स्कूल सिलादेही का एक वीडियो वायरल हुआ था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान देखा गया था कि, टीचर बच्चों को पढ़ाने के बजाये उसने धान की छंटाई का काम करा रहे थे। यह वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था। IBC24 ने सबसे पहले और प्रमुखता से इस खबर का प्रसारण किया था।
शिक्षक का यह कारनामा जब जिला शिक्षा अधिकारी के पास पहुंचा तो उन्होंने टीचर के खिलाफ जाँच-कार्रवाई के आदेश दिए थे। वही जानकारी मिली है कि, बच्चों से धान छंटाई कराने वाले शिक्षक गोपीकुमार तिवारी को फिलहाल सस्पेंड कर दिया गया है।
धमतरी में रिश्वतखोर डॉक्टर बर्खास्त
Govt employees suspension and termination order: वही दूसरा मामला धमतरी जिले का है। यहां राज्य सरकार के निर्देश पर जिला अस्पताल में पदस्थ रहे जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर एम ए नसीम को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई कदाचार के एवज में की गई है। दरअसल डॉक्टर एम ए नसीम जिला मलेरिया अधिकारी रहते हुए रिश्वत काण्ड में फंसे थे। 11 साल पहले 2014 में एसीबी ने उन्हें एक मलेरिया कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद उनपर कानूनी मुकदमा भी दायर किया गया था। डॉक्टर एम ए नसीम को 2018 में न्यायालय ने दोषी करार दिया था और एक साल की सजा सुनाते हुए 15 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया था। वही 11 साल बाद राज्य शासन ने उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने का बड़ा फैसला सुनाया है।

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