Mallikarjun Kharge Ram-Shiv Controversy: रायपुर। 2024 के रण में हर चरण के लिए एक अलग मुद्दा, कुछ नये एजेंडे दिखते रहे हैं। इस बार तीसरा चरण के रण में भी कुछ ऐसा ही है। चार सौ पार के नारे, उसकी क्या जरूरत है और आरक्षण का दुश्मन कौन इन विषयों पर छिड़ी बहस के बीच, अब चुनाव मैदान में शिव बनाम राम की लड़ाई की एंट्री हो गई है। राम और शिव का नाम आते ही बीजेपी नेता पूरी ताकत से कांग्रेस पर चौतरफा आक्रमण बोल रहे हैं। आरोप लगा रहे हैं कि कांग्रेस फिर से सनातनियों को, हिंदुओं को डिवाइड एंड रूल के जरिए बांटना चाहती है। इधर, जवाब में कांग्रेस, बीजेपी नेताओं को असल मुद्दों पर आने का चैलेंज करती नजर आई। बड़ी बात ये कि इस लड़ाई की शुरूआत छत्तीसगढ़ में दिए गए बयान से ही शुरू हुई।
2 दिन पहले 30 अप्रैल को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे छत्तीसगढ़ आए। खरगे ने जांजगीर लोकसभा के लिए चांपा में जन आशीर्वाद सभा के मंच पर संबोधित करते हुए कहा कि, हमारे कैंडिडेट का नाम शिवा है ये बराबर राम से मुकाबला कर सकते हैं। बीजेपी ने फौरन राम और शिव की तुलना वाले इस बयान को बड़ा मुद्दा बना दिया। PM मोदी ने कहा कि कांग्रेस अब राम भक्तों और शिव भक्तों में भेद कर, हिंदू समाज को आपस में लड़ाना चाहती है। ‘खरगे ने भगवान राम और शिव के संबंध में खतरनाक बयान दिया है। वहीं यूपी के CM योगी आदित्यनाथ ने भी खरगे के बयान पर पूरी कांग्रेस पार्टी के निशाने पर लिया।
खरगे के बयान को बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ बड़ा सियासी हथियार बना लिया है। इस मुद्दे पर प्रदेश में भी बीजेपी-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दरअसल, बीजेपी पहले ही 2024 के रण में पहले दो चरणों में राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा का न्योता ठुकराने के लेकर कांग्रेस की टॉप लीडरशिप को जमकर घेरती आई है। ऐसे में खरगे के राम से शिवा के मुकाबला कर लेने वाले बयान ने बीजेपी को कांग्रेस के खिलाफ एक और बड़ा सियासी हथियार सौंप दिया है। मुद्दा पर कांग्रेस सफाई की मुद्रा में है, पर क्या वाकई ये बयान कांग्रेस के लिए बड़ा नुकसान दे सकता है।