Cabinet ke faisle: मोदी की गारंटी के दो और वादे पूरे, 3100 रुपए की दर से होगा किसानों के धान का भुगतान, CBI करेगी CGPSC में अनियमितता की जांच
Cabinet decisions: बैठक में किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया गया है।
Cabinet ke faisle: रायपुर। साय कैबिनेट की बैठक में आज मोदी की गारंटी के दो और वादे पूरे किए गए । कैबिनेट की बैठक में सीजीपीएससी की 2021 की परीक्षा में मिली अनियमितता की शिकायत के आधार पर इसका जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया गया है । छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा राज्य सेवा परीक्षा 2021 के अंतर्गत 12 विभागों के 170 पदों पर भरती के लिए चयन सूची जारी की गई थी इसमें बीएससी के अधिकारियों और कांग्रेस के नेताओं के बेटों के सिलेक्शन होने की शिकायत मिली थी । इसके अलावा बैठक में किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर प्रदेश के किसानों से प्रति एकड़ अधिकतम 21 क्विंटल धान खरीदने का निर्णय लिया गया है।
इस निर्णय से राज्य शासन द्वारा किसानों से 21 क्विंटल धान खरीदी का वायदा पूरा हो गया है। बैठक में राज्य के अंत्योदय एवं प्राथमिकता राशनकार्डधारी परिवारों के हित में बड़ा निर्णय लेते हुए उन्हें आगामी पांच वर्ष तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण का निर्णय लिया है, इससे राज्य के 67 लाख 92 हजार 153 राशनकार्डधारी परिवार लाभन्वित होंगे और उन्हें आगामी 5 सालों तक राशन दुकानों से निःशुल्क चावल मिलेगा ।
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कैबिनेट की बैठक के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने मीडिया से चर्चा करते हुए यह जानकारी दी । पिछली सरकार के अन्य भ्रष्टाचारों घोटाले की जांच भी सीबीआई को सौंपी जाएगी? पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी इसका निर्णय नहीं लिया गया है। डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि आज की बैठक में एक बहुप्रतीक्षित निर्णय हमारी सरकार ने लिया है। धान खरीदी का रेट फिलहाल तय नहीं हुआ है मगर 3100 रुपए धान खरीदने का जो वादा किया है वह पूरा करेंगे । पहले जिन किसानों ने धान बेच दिया है उनको भी 3100 रुपए से पेमेंट किया जाएगा । उन्होंने कहा कि बढ़ती नक्सली घटनाओं को लेकर सरकार गंभीर है हम नक्सली उन्मूलन के लिए प्रतिबद्ध हैं ।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में CBI पहले भी जग्गी हत्याकांड और विधायक खरीद फरोख्त मामले की जांच की है। 2019 में कांग्रेस सरकार ने छत्तीसगढ़ में CBI जांच को बैन किया था। अब भाजपा सरकार बनते ही CBI को छत्तीसगढ़ में हरी झंडी मिल गई है।

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