अग्रवाल सभा रायपुर पर संवैधानिक संकट ! |

अग्रवाल सभा रायपुर पर संवैधानिक संकट !

सबसे ज्यादा चर्चा उसकी नई सदस्यता नीति को लेकर है..जिसकी वजह से समाज के कुछ सदस्यों को विशेषाधिकार मिल जाएगा..जबकि बहुसंख्यक सदस्य वोटिंग के अधिकार से वंचित रह जाएंगे ।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:12 PM IST, Published Date : July 29, 2022/2:56 pm IST

Constitutional crisis on Agarwal Sabha Raipur: रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित सामाजिक संगठनों में से एक अग्रवाल सभा रायपुर इन दिनों कई तरह के सवालों के घेरे में है । सबसे ज्यादा चर्चा उसकी नई सदस्यता नीति को लेकर है..जिसकी वजह से समाज के कुछ सदस्यों को विशेषाधिकार मिल जाएगा..जबकि बहुसंख्यक सदस्य वोटिंग के अधिकार से वंचित रह जाएंगे ।

दरअसल बीते 19 वर्षों से यह व्यवस्था रही है कि रायपुर नगर निगम की परिधि में रहने वाला अग्रवाल समाज का हर व्यक्ति स्वतः ही सभा का सदस्य होता है और उसे वोटिंग का अधिकार भी रहता है । अब इस व्यवस्था में मनमाने ढंग से परिवर्तन करते हुए पंजीयन के पुराने नियम को लागू किया जा रहा है..जिसके तहत केवल पंजीकृत सदस्य ही वोटिंग के पात्र होंगे..और बाकी सदस्यों को चुनाव में सहभागी बनने से वंचित कर दिया जाएगा । अग्रवाल सभा के वरिष्ठ सदस्यों की सहमति और परामर्श के बगैर कुछ लोगों ने यह निर्णय लिया है ।

लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने वाली है पंजीयन की अनिवार्यता

Constitutional crisis on Agarwal Sabha Raipur: अग्रवाल सभा रायपुर के संरक्षक सुरेश गोयल का यह कहना है कि पंजीयन की अनिवार्यता सभा के अंदर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित करने वाली है..इससे सभा के सदस्य आम और खास दो वर्गों में विभाजित भी हो जाएगी । श्री गोयल ने इस मामले में यह आशंका जताई है कि हो सकता है कि अग्रवाल सभा रायपुर की परिसंपत्तियों पर एकाधिकार के लिए यह उपक्रम किया जा रहा है । उन्होंने खुले शब्दों में यह मांग की है कि बगैर सभा के सदस्यों की रायशुमारी और सहमति के..इस तरह का कोई भी निर्णय नहीं होना चाहिए और पुरानी व्यवस्था को ही यथावत रखा जाना चाहिए ।

नियम विरुद्ध आहूत हुई आमसभा

अग्रवाल सभा रायपुर के कई संस्थापक सदस्यों का यह भी कहना है कि आगामी 28 अगस्त को चुनाव हेतु जो आमसभा आहुत हुई है, वह भी नियम विरुद्ध है । दरअसल इस आमसभा को सभा के महामंत्री ने अपनी मनमर्जी से आहुत किया है..जबकि नियमानुसार केवल कार्यकारिणी के अनुमोदन के बाद ही महामंत्री आमसभा बुला सकता है ।

अग्रवाल सभा रायपुर के अधिकांश सदस्यों का यह मानना है कि संगठन के अंदर से लोकतांत्रिक मूल्यों और सद्भाव को खत्म किया जा रहा है..और मनमाने तरीके से कुछ लोग इस पर अपना आधिपत्य स्थापित करने पर आमादा हैं ।

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