Chaitanya Baghel Petition News: चैतन्य बघेल के जमानत याचिका पर कोर्ट का फैसला आज.. शराब घोटाला मामले में रायपुर जेल में बंद है पूर्व CM के बेटे
चैतन्य बघेल फिलहाल रायपुर सेन्ट्रल जेल में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। उन्हें इसी साल के 18 जुलाई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था।
Chaitanya Baghel Latest News|| Image- IBC24 News File
- चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर सुनवाई
- आज मिल सकती है जमानत पर राहत
- 18 जुलाई को ED ने की थी गिरफ्तारी
Chaitanya Baghel Bail Petition: रायपुर: शराब घोटाला मामले में संलिप्तता के आरोप में फंसे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय कोर्ट के द्वारा फैसला लिया जाएगा। चैतन्य बघेल फिलहाल रायपुर सेन्ट्रल जेल में ज्यूडिशियल कस्टडी में हैं। उन्हें इसी साल के 18 जुलाई 2025 को प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था। एजेंसी का आरोप है कि इस मामले में लगभग 1,000 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का मुख्य आरोपी चैतन्य बघेल ही हैं।
किस आरोप में घिरे है चैतन्य?
Chaitanya Baghel Bail Petition: बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और शराब घोटाला मामले में 18 जुलाई को भिलाई निवास स्थान से गिरफ्तार किया था। प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक चैतन्य बघेल ने 16 करोड़ 70 लाख रुपए की अवैध कमाई को अपने रियल एस्टेट प्रोजेक्ट मे इन्वेस्ट किया। आरोप है कि यह पैसा नगद में ठेकेदारों को भुगतान फर्जी बैंक एंट्री और फ्लैट खरीदी के बहाने से उपयोग किया। वह त्रिलोक सिंह ढिल्लो के साथ मिलकर विट्ठलपुरम नामक परियोजना में फर्जी फ्लैट खरीद की योजना बनाकर 5 करोड़ हासिल करने के आरोप में भी घिरे हैं। इन फ्लैटों को त्रिलोक सिंह ढिल्लो के कर्मचारियों के नाम पर खरीदा गया था, लेकिन असली लाभार्थी चैतन्य ही थे।
जांच में यह भी पाया गया कि चैतन्य ने इस घोटाले से जुड़े 1000 करोड़ से अधिक की अवैध धनराशि को हैंडल किया और इसे अनवर ढेबर और अन्य के माध्यम से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष तक पहुंचाया गया। यह राशि बघेल परिवार के करीबी लोगों द्वारा आगे इन्वेस्ट के लिए प्रयोग की गई।
छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

Facebook



