Foreign travelers from Chhattisgarh: ‘जमीन खा गई या निगल गया आसमान?’.. छत्तीसगढ़ से विदेश गये 17 लोगों का क्या है मौजूदा ठिकाना?.. विदेश मंत्रालय ने लिखा खत..
हालांकि, विदेश मंत्रालय से प्राप्त पत्र के संदर्भ में छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। जिन लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चला है, उनके परिवार असमंजस और इंतजार में दिन गुजारने को मजबूर हैं।
Foreign travelers from Chhattisgarh are missing? | Image Credit- Arup.com
Foreign travelers from Chhattisgarh are missing? : रायपुर। विदेश मंत्रालय से भेजे गए एक पत्र ने छत्तीसगढ़ पुलिस को अलर्ट मोड में डाल दिया है। यह पत्र उन 17 लोगों की जानकारी से संबंधित है जो 2022 और 2023 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों की यात्रा पर गए थे लेकिन अभी तक वापस नहीं लौटे। इस सूची में रायपुर के 6, दुर्ग-भिलाई के 7, बिलासपुर के 2, और रायगढ़ व सरगुजा के 1-1 व्यक्ति शामिल हैं।
पुलिस का दावा है कि इन 17 में से 14 लोगों से संपर्क स्थापित कर लिया गया है। हालांकि, रायपुर के व्यक्तियों के पते और मोबाइल नंबर बदल चुके हैं, जिससे पुलिस के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में कोई भी पुलिस अधिकारी सीधे तौर पर बयान देने को तैयार नहीं है।
Foreign travelers from Chhattisgarh are missing? : छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय ने संबंधित जिलों को पत्र भेजकर जानकारी मांगे जाने का दावा किया है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ। यह भी आशंका जताई जा रही है कि म्यांमार, कंबोडिया, फिलीपींस और थाईलैंड जैसे देशों में गए भारतीय नागरिकों को मानव तस्करी का शिकार बनाया जा रहा है। ठग गिरोह उनके पासपोर्ट और वीजा जब्त कर उन्हें साइबर अपराधों में इस्तेमाल कर रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यदि ऐसा कोई मामला होता तो पीड़ितों के परिवार अब तक शिकायत दर्ज करवा चुके होते। वहीं, राजधानी रायपुर से कंबोडिया और थाईलैंड जाने वाले कई लोगों के पते और मोबाइल नंबर बदल गए हैं। वीजा में दिए गए नंबर या तो बंद हैं या किसी और के नाम पर रजिस्टर हो गए हैं।
Foreign travelers from Chhattisgarh are missing? : पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बिना कैमरे के सामने आए दावा कर रहे हैं कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त सूची में शामिल कई लोगों के परिवारों से पूछताछ की गई है। अधिकतर लोग अपने परिवारों के संपर्क में हैं और विदेशों में काम करके अपने घर पैसे भेज रहे हैं।
हालांकि, विदेश मंत्रालय से प्राप्त पत्र के संदर्भ में छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। जिन लोगों का अभी तक कोई पता नहीं चला है, उनके परिवार असमंजस और इंतजार में दिन गुजारने को मजबूर हैं। इस मामले में आगे की जांच और ठोस कार्रवाई की आवश्यकता है।

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