Priti Majhi on Hidma: अपने ही नेताओं के हत्यारे ‘हिड़मा’ को कांग्रेस की युवा नेत्री ने किया सलाम.. सुशील आनंद बोले ‘ये उनका व्यक्तिगत विचार’..

Priti Majhi Post on Maoist Leader Hidma: माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के प्रमुख थे, जिसे माओवादियों की सबसे घातक स्ट्राइक यूनिट माना जाता है।

Priti Majhi on Hidma: अपने ही नेताओं के हत्यारे ‘हिड़मा’ को कांग्रेस की युवा नेत्री ने किया सलाम.. सुशील आनंद बोले ‘ये उनका व्यक्तिगत विचार’..

Priti Majhi Post on Maoist Leader Hidma || Image- Social Media File

Modified Date: November 21, 2025 / 11:10 am IST
Published Date: November 21, 2025 11:10 am IST
HIGHLIGHTS
  • हिड़मा पर प्रीति माझी का विवादित पोस्ट
  • कांग्रेस बोली, यह व्यक्तिगत विचार
  • नक्सलवाद पर नई राजनीतिक बहस

Priti Majhi Post on Maoist Leader Hidma: रायपुर: देश के सबसे बड़े और खूंखार नक्सली नेता माड़वी हिड़मा को तीन दिन पहले आंध्र प्रदेश की ग्रेहाउंड्स पुलिस फोर्स ने अल्लूरी सीताराम राजू जिले के जंगलों में मार गिराया। हिड़मा के साथ मुठभेड़ में उसकी बीवी राजे हिड़मा और अन्य 4 नक्सली भी ढेर कर दिए गए। सैकड़ों जवानों और आम लोगों के हत्यारे हिड़मा की मौत से जहां छत्तीसगढ़ समेत देशभर में जश्न का माहौल है, तो वहीं कांग्रेस की एक राष्ट्रीय पदाधिकारी, महिला नेत्री ने हिड़मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया है।

प्रीति माझी नाम की इस राष्ट्रीय महिला नेत्री ने हिड़मा को उसकी मौत के बाद सोशल मीडिया पर ‘लाल सलाम’ कहा है, साथ ही उसकी फोटो भी पोस्ट की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कांग्रेस के नेताओं में नक्सली और नक्सलवाद को लेकर हमदर्दी है? और सबसे बड़ा सवाल कि जिस हिड़मा पर 2013 में झीरम घाटी के नरसंहार को अंजाम देने का आरोप है, कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की हत्या करने का आरोप है, क्या कांग्रेस नेताओं ने इस गम को भुला दिया है?

Congress on Naxalism: कांग्रेस बोली, ‘व्यक्तिगत विचार’

Priti Majhi Post on Maoist Leader Hidma: बहरहाल, भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस की महासचिव प्रीति माझी के इस पोस्ट के बाद प्रदेश कांग्रेस असहज स्थिति का सामना कर रही है। कांग्रेस ने अपने बचाव में कहा है कि यह पोस्ट उक्त नेत्री का व्यक्तिगत विचार है। हालांकि, महिला नेत्री के खिलाफ अब तक किसी प्रकार की अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की गई है।

इस पूरे विषय पर जवाब देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस और देश की निगाह में हिड़मा एक हत्यारा था। झीरम कांड का मास्टरमाइंड हिड़मा को ही माना जाता है, लिहाज़ा उससे किसी भी प्रकार की संवेदना का सवाल ही नहीं उठता। शुक्ला ने आगे कहा कि किसी ने पोस्ट किया है, तो वह उसका व्यक्तिगत विषय हो सकता है। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि हिड़मा आतंक का पर्याय था, हिड़मा नक्सली हत्या का पर्याय था। उससे कांग्रेस की कोई संवेदना नहीं है।

Chhattisgarh Naxal Encounter: कौन था माड़वी हिड़मा?

माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के प्रमुख थे, जिसे माओवादियों की सबसे घातक स्ट्राइक यूनिट माना जाता है। हिडमा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सबसे कम उम्र के सदस्य थे और बस्तर क्षेत्र के एकमात्र आदिवासी थे जिन्हें यह पद मिला था। उनके सिर पर ₹50 लाख का इनाम रखा गया है।

हिडमा कम से कम 26 घातक हमलों के लिए ज़िम्मेदार है, जिनमें 2017 का सुकमा हमला और 2013 का झीरम घाटी नरसंहार शामिल है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे। वह 2010 के दंतेवाड़ा हमले में भी शामिल था , जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, और 2021 के सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।

Madvi Hidma Killed: खूंखार नक्सली हिड़मा के गुनाह की लंबी सूची

Priti Majhi Post on Maoist Leader Hidma: हिड़मा पर छत्तीसगढ़ समेत अलग-अलग राज्यों में कुल एक करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा का इनाम घोषित था। वह CPI केंद्रीय समिति में बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी सदस्य था और PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादी का सबसे घातक हमला इकाई माना जाता है। सुरक्षाबलों के मुताबिक हिडमा झीरम हत्याकांड समेत कई खूनी वारदातों का मास्टरमाइंड था। उसके खिलाफ प्रमुख हमले इस प्रकार हैं:

● 2007 – एर्राबोर राहत शिविर पर हमला और आगजनी: 33 ग्रामीण मारे गए, सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए।
● 2007 – मेटागुड़ा (एर्राबोर) IED विस्फोट हमला: 8 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2007 – ताड़मेटला पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 12 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2007 – तारलागुड़ा (गोलीपल्ली) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 12 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2009 – मिनपा (चिंतागुफा) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 10 सुरक्षाकर्मी शहीद, 7 घायल।
● 2009 – आसिरगुड़ा (इन्जिरम) ROP ड्यूटी: राशन ट्रैक्टर पर IED विस्फोट: 7 सुरक्षाकर्मी शहीद, 4 ग्रामीण मारे गए।
● 2010 – ताड़मेटला (चिंतागुफा) हमला: 76 जवान शहीद।
● 2014 – पेंटापाड़–भेज्जी में पुलिस पर गोलीबारी: 3 जवान घायल।
● 2014 – कासलपाड़ (किस्ताराम) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 14 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2015 – पिडमेल (चिंतागुफा) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 7 सुरक्षाकर्मी (PC शंकरराव सहित) शहीद, 14 घायल।
● 2017 – बरसापाल (चिंतागुफा) हमला: 25 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2017 – बंकुपारा–भेज्जी पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 12 सुरक्षाकर्मी शहीद, 2 घायल।
● 2020 – मिनपा (चिंतागुफा) हमला: 17 जवान शहीद।
● 2021 – टेकलगुड़ा मुठभेड़: 22 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2024 – धरमावरम कैंप हमला

इन्हें भी पढ़ें:


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

A journey of 10 years of extraordinary journalism.. a struggling experience, opportunity to work with big names like Dainik Bhaskar and Navbharat, priority given to public concerns, currently with IBC24 Raipur for three years, future journey unknown