Vande Bharat: सनातन एकता की लड़ाई.. देशद्रोह पर गरमाई! ‘हिंदू राष्ट्र’ की मांग पर भड़का विपक्ष, जानिए क्या है पूरा माजरा?
सनातन एकता की लड़ाई.. देशद्रोह पर गरमाई! Opposition enraged over demand for 'Hindu Rashtra'
नई दिल्लीः Vande Bharat: वंदे भारत की शुरूआत सनातन पर छिड़ी तकरार से बाबा बागेेश्वर के नाम से प्रसिद्ध धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, 10 दिनों सनातन एकता पदयात्रा पर रहे। संदेश साफ था कि सनातनी हिंदुओं को एक करना। कई लोग यात्रा के साथ-साथ चले, लेकिन अब यात्रा के विरोधी इसे देशद्रोह बताते हुए इसपर नई बहस छेड़ रहे हैं।
Vande Bharat: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सनातन एकता यात्रा का मकसद देश के हिंदुओं को एकता के सूत्र में पिरोना था। दिल्ली से वृंदावन तक करीब 170 किमी लंबी इस यात्रा में बागेश्वर को जबरदस्त समर्थन मिला। कई बड़े संतों से लेकर हजारों की संख्या में लोग इसका हिस्सा बने। वहीं शिल्पा शेट्टी, राजपाल यादव, एकता कपूर और जया किशोरी जैसे सिलेब्रिटी से लेकर खेल जगत से भी कई हस्तियां भी यात्रा में शामिल हुई।
10 दिन चली सनातन एकता पदयात्रा भले शांतिपूर्ण रूप से सम्पन्न हुई, लेकिन इस पर उंगली उठाने वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। यात्रा की शुरूआत से ही इस पर सवाल उठाए गए। साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला बताया गया। ये सिलसिला अभी भी जारी है। ताजा बयान यूपी की राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य का है। मौर्य के मुताबिक हिंदू राष्ट्र के लिए यात्रा निकालने वालों पर देशद्रोह का केस चलना चाहिए, जिसपर सत्तारूढ़ बीजेपी ने भी करारा जवाब दिया।
हिंदू राष्ट्र को लेकर निकाली जा रही यात्राओं के खिलाफ जुबानी बाण सिर्फ यूपी में नहीं चले, बल्कि मध्यप्रदेश में भी लगातार चल रहे हैं। कांगेस विधायक फूल सिंह बरैया ने तो यहां तक कह दिया कि इन यात्राओं से देश में नफरत बढ़ रही है।
धीरेंद्र शास्त्री की सनातन एकता यात्रा का मकसद हिंदू राष्ट्र के लिए भी लोगों को जागरुक करना था। धीरेंद्र शास्त्री जहां हिंदू राष्ट्र की अपनी मांग पर अडिग है तो दूसरी तरह RSS प्रमुख मोहन भागवत ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया। साफ कहा कि भारत और हिंदू एक ही है और भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है। भारत हिंदू राष्ट्र है उसे हिंदू राष्ट्र वाली पहचान फिर बनायी जानी चाहिए। इस पर कोई संशय या बहस नहीं रही लेकिन सनातनियों को एक करने उन्हें बांटने और बंटने से रोकने को लेकर सनातनी एकता यात्रा को लेकर ऐसी सोच और बयानों बचकाने कहकर इग्नोर नहीं किया जा सकता है। साफ है कि सनातनियों की एकता का प्रयास भी कुछ लोगों को इनसिक्योर कर रहा है, रास नहीं आ रहा है?

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