Priti Majhi Hidma Lal Salam: हिड़मा को ‘लाल सलाम’ कहने वाली कांग्रेस नेत्री की सफाई.. बोली, ‘मैं छत्तीसगढ़ की बेटी, ये मेरा व्यक्तिगत मत’.. बताई खुद की विचारधारा..

Priti Majhi Hidma Lal Salam : हिड़मा पर छत्तीसगढ़ समेत अलग-अलग राज्यों में कुल एक करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा का इनाम घोषित था। वह CPI केंद्रीय समिति में बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी सदस्य था और PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादी का सबसे घातक हमला इकाई माना जाता है।

Priti Majhi Hidma Lal Salam: हिड़मा को ‘लाल सलाम’ कहने वाली कांग्रेस नेत्री की सफाई.. बोली, ‘मैं छत्तीसगढ़ की बेटी, ये मेरा व्यक्तिगत मत’.. बताई खुद की विचारधारा..

Priti Majhi Hidma Lal Salam || Image- IBC24 News File

Modified Date: November 21, 2025 / 12:51 pm IST
Published Date: November 21, 2025 12:51 pm IST
HIGHLIGHTS
  • प्रीति माझी ने दी अपनी सफाई
  • कांग्रेस ने कहा निजी राय
  • हिड़मा को लेकर विवाद गहराया

Priti Majhi Hidma Lal Salam: रायपुर: दुर्दांत नक्सली लीडर माड़वी हिड़मा के समर्थन में सोशल मीडिया स्टोरी शेयर करने वाली युवा कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रीति माझी जब विवादों में घिरी तो उन्होंने इस मामले पर अपनी सफाई पेश की है। प्रीति माझी ने खुद को छत्तीसगढ़ की बेटी कहते हुए दावा किया है कि, उनकी राय व्यक्तिगत है।’

Congress Leader on Madvi Hidma: ‘छत्तीसगढ़ की बेटी हूँ, यह निजी मत है’ : प्रीति माझी

प्रीति माझी ने कहा कि, वह छत्तीसगढ़ की बेटे है हिड़मा पर यह उनकी व्यक्तिगत राय है। उन्होंने कहा कि, उनकी तरफ से कोई पोस्ट नहीं बल्कि स्टोरी शेयर किया गया था। छत्तीसगढ़ की बेटी होने के नाते मेरा व्यक्तिगत मत है। माझी ने कहा कि, नक्सलियों का पूरा विरोध करती हूं। मैं गांधीवादी विचारधारा से हूं और नक्सलियों का समर्थन नहीं करती। वह चाहती है कि, नक्सलवाद खत्म हो, नक्सली मुख्यधारा से जुड़ें। वे भी देश के उन्नति के लिए हमारे साथ मिलकर काम करें। हथियार छोड़कर नक्सली मुख्यधारा से जुड़ें। उनके इस कदम का सरकार के साथ कांग्रेस पार्टी भी समर्थन करेगी।

Naxalite Leader Hidma Killed: कांग्रेस ने भी बताया था निजी राय

गौरतलब है कि, इस पूरे विवाद पर पीसीसी के संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने भी मीडिया से बात की थी और प्रीति माझी के पोस्ट को उनकी निजी राय बताया था। सुशील आनंद ने कहा था कि, कांग्रेस और देश की निगाह में हिड़मा एक हत्यारा था। झीरम कांड का मास्टरमाइंड हिड़मा को ही माना जाता है, लिहाज़ा उससे किसी भी प्रकार की संवेदना का सवाल ही नहीं उठता। शुक्ला ने आगे कहा कि किसी ने पोस्ट किया है, तो वह उसका व्यक्तिगत विषय हो सकता है। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि हिड़मा आतंक का पर्याय था, हिड़मा नक्सली हत्या का पर्याय था। उससे कांग्रेस की कोई संवेदना नहीं है।

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Chhattisgarh Naxal Encounter: कौन था माड़वी हिड़मा?

Priti Majhi Hidma Lal Salam: माओवादी कमांडर माड़वी हिडमा का जन्म 1981 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के पुवर्ती में हुआ था। वह पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर 1 के प्रमुख थे, जिसे माओवादियों की सबसे घातक स्ट्राइक यूनिट माना जाता है। हिडमा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय समिति के सबसे कम उम्र के सदस्य थे और बस्तर क्षेत्र के एकमात्र आदिवासी थे जिन्हें यह पद मिला था। उनके सिर पर ₹50 लाख का इनाम रखा गया है।

हिडमा कम से कम 26 घातक हमलों के लिए ज़िम्मेदार है, जिनमें 2017 का सुकमा हमला और 2013 का झीरम घाटी नरसंहार शामिल है, जिसमें छत्तीसगढ़ के प्रमुख कांग्रेस नेताओं सहित 27 लोग मारे गए थे। वह 2010 के दंतेवाड़ा हमले में भी शामिल था , जिसमें 76 सीआरपीएफ जवान शहीद हुए थे, और 2021 के सुकमा-बीजापुर मुठभेड़ में भी शामिल था, जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे।

Madvi Hidma Killed: खूंखार नक्सली हिड़मा के गुनाह की लंबी सूची

हिड़मा पर छत्तीसगढ़ समेत अलग-अलग राज्यों में कुल एक करोड़ 50 लाख रुपये से ज्यादा का इनाम घोषित था। वह CPI केंद्रीय समिति में बस्तर क्षेत्र का एकमात्र आदिवासी सदस्य था और PLGA बटालियन नंबर 1 का प्रमुख था, जिसे माओवादी का सबसे घातक हमला इकाई माना जाता है। सुरक्षाबलों के मुताबिक हिडमा झीरम हत्याकांड समेत कई खूनी वारदातों का मास्टरमाइंड था। उसके खिलाफ प्रमुख हमले इस प्रकार हैं:

● 2007 – एर्राबोर राहत शिविर पर हमला और आगजनी: 33 ग्रामीण मारे गए, सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए।
● 2007 – मेटागुड़ा (एर्राबोर) IED विस्फोट हमला: 8 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2007 – ताड़मेटला पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 12 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2007 – तारलागुड़ा (गोलीपल्ली) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 12 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2009 – मिनपा (चिंतागुफा) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 10 सुरक्षाकर्मी शहीद, 7 घायल।
● 2009 – आसिरगुड़ा (इन्जिरम) ROP ड्यूटी: राशन ट्रैक्टर पर IED विस्फोट: 7 सुरक्षाकर्मी शहीद, 4 ग्रामीण मारे गए।
● 2010 – ताड़मेटला (चिंतागुफा) हमला: 76 जवान शहीद।
● 2014 – पेंटापाड़–भेज्जी में पुलिस पर गोलीबारी: 3 जवान घायल।
● 2014 – कासलपाड़ (किस्ताराम) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 14 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2015 – पिडमेल (चिंतागुफा) पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 7 सुरक्षाकर्मी (PC शंकरराव सहित) शहीद, 14 घायल।
● 2017 – बरसापाल (चिंतागुफा) हमला: 25 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2017 – बंकुपारा–भेज्जी पुलिस–नक्सली मुठभेड़: 12 सुरक्षाकर्मी शहीद, 2 घायल।
● 2020 – मिनपा (चिंतागुफा) हमला: 17 जवान शहीद।
● 2021 – टेकलगुड़ा मुठभेड़: 22 सुरक्षाकर्मी शहीद।
● 2024 – धरमावरम कैंप हमला

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