SIR Ke Liye Kya Kya Documents Chahiye: प्रदेश में आज से शुरु हुआ विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR).. मतदाताओं को दिखाने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स, आप भी समझ ले पूरी प्रक्रिया..

SIR in Chhattisgarh Documents List: देश में लंबे समय से एसआईआर प्रक्रिया नहीं हुई थी। ऐसे में राज्यों की वोटर लिस्ट को शुद्ध करना बेहद जरूरी था। इसी वजह से मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर शुरू करने का यह बीड़ा उठाया।

SIR Ke Liye Kya Kya Documents Chahiye: प्रदेश में आज से शुरु हुआ विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR).. मतदाताओं को दिखाने होंगे ये डॉक्यूमेंट्स, आप भी समझ ले पूरी प्रक्रिया..

SIR Required Documents List || Image- Social Media File

Modified Date: November 4, 2025 / 12:38 pm IST
Published Date: November 4, 2025 12:08 pm IST
HIGHLIGHTS
  • छत्तीसगढ़ में शुरू हुआ एसआईआर सर्वे
  • 2003 लिस्ट वालों को नहीं देने होंगे दस्तावेज
  • एक महीने तक चलेगा घर-घर सर्वे

SIR Ke Liye Kya Kya Documents Chahiye: रायपुरः छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण (SIR in CG) के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है। 4 नवंबर यानी आज से बीएलओ घर-घर जाकर सर्वे करेंगे। अगर आपका नाम 2003 के एसआईआर सूची में है तो आपको कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है। आपका नाम नए मतदाता सूची में शामिल हो जाएगा।

मान लीजिए आप तब 18 साल की नहीं हुए थे या आप किसी दूसरे जिले या किसी दूसरे राज्य में निवास करते थे, जिसके चलते 2003 की सूची में आपका नाम नहीं आ पाया तब भी आपको घबराने की जरूरत नहीं है। 2003 के लिस्ट में देश के किसी भी राज्य में आपका या आपके माता-पिता का नाम था, तब भी आपको कोई दस्तावेज देना नहीं पड़ेगा, लेकिन 2003 की लिस्ट में ना आपका और ना ही आपके माता-पिता का नाम है तो फिर आपको अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी।

इलेक्शन कमीशन ने 13 प्रकार के दस्तावेज की लिस्ट जारी की है, जिसको दिखाने के बाद ही आपको नए मतदाता सूची में जगह मिल पाएगी। एक महीने तक घर-घर सर्वे होगा। उसके बाद एक महीने तक दावा आपत्ति पर सुनवाई होगी और इसके बाद फाइनल लिस्ट जारी हो सकेगा। अगर एसआईआर प्रक्रिया में आपका नाम कट जाता है तो पहले कलेक्टर के पास और फिर मुख्य निर्वाचन कार्यालय में आप अपील कर सकते हैं।

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SIR में कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं? (SIR Documents List)

  • केंद्र या राज्य सरकार/पीएसयू के नियमित कर्मचारी या पेंशनर्स को जारी कोई भी पहचान पत्र या पेंशन भुगतान आदेश।
  • सरकारी या स्थानीय प्राधिकरणों, बैंकों, डाकघरों, एलआईसी या पीएसयू द्वारा 1 जुलाई 1987 से पहले जारी कोई भी पहचान पत्र या प्रमाणपत्र।
  • जन्म प्रमाणपत्र जो किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी हो।
  • पासपोर्ट।
  • मैट्रिकुलेशन या शैक्षणिक प्रमाणपत्र जो किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी किया गया हो।
  • स्थायी निवास प्रमाणपत्र जो राज्य प्राधिकरण द्वारा जारी किया गया हो।
  • वन अधिकार प्रमाणपत्र
  • जाति प्रमाणपत्र (OBC/SC/ST) जो सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया हो।
  • राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से संबंधित प्रमाणपत्र (जहां यह लागू है)।
  • फैमिली रजिस्टर, जो राज्य या स्थानीय प्राधिकरण द्वारा तैयार किया गया हो।
  • भूमि या मकान आवंटन प्रमाणपत्र, जो सरकार द्वारा जारी किया गया हो।
  • आधार कार्ड से जुड़ी आयोग की दिशा-निर्देश पत्र संख्या 23/2025-ERS/Vol.II दिनांक 09.09.2025 के अनुसार लागू होंगे।

SIR क्या है? (SIR in CG)

Special Intensive Revision Required Documents List: एसआईआर यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन। देश में 1951 से 2004 के बीच यह आठ बार हुआ। अंतिम बार यह 2004 में किया गया था। अब 21 साल बाद यह किया जा रहा है। जबकि यह करीब सात साल बाद होना चाहिए। यह वोटर लिस्ट को माइक्रो लेवल पर शुद्ध करने की प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में ऐसे वोटरों की पहचान कर उनके नाम वोटर लिस्ट से डिलीट कर दिए जाते हैं। जिनकी मृत्यु हो गई है, जो परमानेंट शिफ्ट हो गए हैं, एक ही राज्य में एक से अधिक वोटर कार्ड बनवा रखे हैं, घुसपैठियों ने वोटर कार्ड बनवा लिए, लापता वोटर और ऐसे कुछ विदेशी वोटर जिनके नाम वोटर लिस्ट में जुड़ गए। इन सभी को एसआईआर प्रक्रिया के तहत वोटर लिस्ट से बाहर किया जाता है।

SIR की जरूरत क्यों पड़ी?

चूंकि देश में लंबे समय से एसआईआर प्रक्रिया नहीं हुई थी। ऐसे में राज्यों की वोटर लिस्ट को शुद्ध करना बेहद जरूरी था। इसी वजह से मौजूदा मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने एसआईआर शुरू करने का यह बीड़ा उठाया। जिसके तहत पहले चरण में बिहार में एसआईआर का काम पूरा कर लिया गया है। दूसरे चरण में यूपी और पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्यों में एसआईआर की घोषणा कर दी गई है। तीसरे चरण में बाकी बचे राज्यों में इसे शुरू किया जाएगा।

SIR प्रक्रिया में BLO की भूमिका क्या होगी?

BLO यानी Booth Level Officer इस प्रक्रिया की रीढ़ हैं। वे घर-घर जाकर मतदाताओं की पहचान की पुष्टि करते हैं, फॉर्म एकत्र करते हैं और सभी दस्तावेजों का सत्यापन करते हैं। BLO यह भी सुनिश्चित करते हैं कि किसी क्षेत्र में डुप्लीकेट या फर्जी एंट्री न रहे।

अगर आपका नाम 2003 की सूची में नहीं है तो क्या करना होगा?

अगर किसी व्यक्ति का नाम पुरानी वोटर लिस्ट यानी 2003 की सूची में नहीं है, तो उसे Form-6 भरकर नया पंजीकरण कराना होगा। यह काम BLO के माध्यम से जा सकता है। आवेदन के साथ पहचान और निवास प्रमाण पत्र संलग्न करना जरूरी होगा।

SIR प्रक्रिया से वोटर लिस्ट को क्या फायदा होगा?

SIR प्रक्रिया के बाद राज्य की वोटर लिस्ट अधिक पारदर्शी, त्रुटिरहित और अपडेटेड जाती है। इससे चुनाव के दौरान फर्जी मतदान पर रोक लगती है और हर योग्य नागरिक को मतदान का अधिकार सुनिश्चित होता है। साथ ही, यह चुनाव आयोग की विश्वसनीयता और लोकतांत्रिक प्रणाली को मजबूत बनाता है।

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