Mahant on Sai Cabinet : नए मंत्रिमंडल के बाद BJP में असंतोष! नेता प्रतिपक्ष ने कहा अमर अग्रवाल और अजय चंद्राकर हमारे पुराने मित्र..हम भी तलाश रहे संभावनाएं
Pendra News: चरणदास महंत का आज पेंड्रा में एक बड़ा बयान सामने आया है जिसमें यहां उन्होंने नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद बीजेपी के भीतरखाने में पनप रहे असंतोष को लेकर कहा कि बीजेपी के असंतोष का फायदा हम उठाने का प्रयास कर रहे।
- बीजेपी के सीनियर नेताओं का बन रहा गुट : महंत
- शपथ ग्रहण में ससम्मान तरीके से बुलाना चाहिए: महंत
- हम संभावनाओं की तलाश में निकल गए : महंत
पेंड्रा : Pendra News, चरणदास महंत का आज पेंड्रा में एक बड़ा बयान सामने आया है जिसमें यहां उन्होंने नए मंत्रिमंडल के गठन के बाद बीजेपी के भीतरखाने में पनप रहे असंतोष को लेकर कहा कि बीजेपी के असंतोष का फायदा हम उठाने का प्रयास कर रहे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के सीनियर का और नहीं सहेंगे करके एक गुट बन रहा और हम संभावनाओं की तलाश में निकल गए हैं। (Mahant on Sai Cabinet) महंत ने कहा कि अमर अग्रवाल और अजय चंद्राकर हमारे पुराने मित्र रहे हैं आज भी हैं। वो पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं।
शपथ ग्रहण में ससम्मान तरीके से बुलाना चाहिए: महंत
Mahant on Sai Cabinet वहीं महंत ने कहा कि मै भी मंत्री के समकक्ष दर्जा प्राप्त नेता प्रतिपक्ष हूं, शपथ ग्रहण में ससम्मान तरीके से बुलाना चाहिए, पर दरबान को शपथ ग्रहण के दिन ही 8 बजे सुबह कार्ड देकर चले गए थे।
उन्होंने शपथग्रहण में सम्मानजनक तरीके से नहीं बुलाए जाने की जमकर निंदा भी की। महंत ने कहा कि नए विधायक जो मंत्री बने हैं वो पढ़े लिखे भले न हो पर संस्कारवान हों, ज्ञानी हो।
अजीत जोगी की प्रतिमा की स्थापना को लेकर विवाद
वहीं नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत आज स्वर्गीय अजीत जोगी के प्रतिमा स्थल पहुंचे। बता दें कि गौरेला के ज्योतिपुर में स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा लगाई जा रही थी और प्रतिमा की स्थापना को लेकर विवाद चल रहा है। महंत ने आज यहां पहुंचकर स्वर्गीय अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देते हुए पुष्प अर्पण किया। इस दौरान पूर्व विधायक डॉक्टर के के ध्रुव और जिले के कांग्रेस नेता कार्यकर्ता भी साथ उपस्थित रहे।
इस बारे में महंत ने कहा कि मैं राज्य के प्रथम और आदिवासी मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को उनके गृह नगर और उनके गृह वार्ड में ही स्थापित करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से न केवल मांग करूंगा बल्कि विधानसभा में भी इस बात को ध्यान आकर्षण कराऊंगा की आखिर एक आदिवासी मुख्यमंत्री की प्रतिमा उनके ही गृह नगर में क्यों नहीं स्थापित की जा सकती।

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