Sakti News: फेसबुक पर महिला के साथ अश्लील कांड! फर्जी ID से युवक करने लगा गन्दा काम, अब कोर्ट ने सुनाई ये बड़ी सजा

Sakti News: फेसबुक पर महिला के साथ अश्लील कांड! फर्जी ID से युवक करने लगा गन्दा काम, अब कोर्ट ने सुनाई ये बड़ी सजा

  • Reported By: Netram Baghel

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  • Publish Date - September 23, 2025 / 09:02 PM IST,
    Updated On - September 23, 2025 / 09:02 PM IST

Sakti News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • फर्जी फेसबुक ID बनाने वाले 2 आरोपी को 3 साल की सजा
  • मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सुनाई सजा
  • दोनों आरोपी को 3 साल की सजा और 20 हजार जुर्माना

सक्ती: Sakti News:  फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर महिला की छवि खराब करने के मामले में न्यायालय ने दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए तीन साल की सजा और 20 हजार रुपये जुर्माना सुनाया है। यह सजा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा सुनाई गई।

मामला सक्ती जिले का है जहां दो युवकों ने एक महिला की छवि को नुकसान पहुंचाने की नीयत से फर्जी फेसबुक आईडी बनाई थी। आरोपियों ने उस फर्जी प्रोफाइल से महिला के नाम और तस्वीर का दुरुपयोग करते हुए अश्लील संदेश भेजे और पोस्ट किए। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी।

Sakti News:  पुलिस जांच में यह स्पष्ट हुआ कि फर्जी आईडी बनाकर महिला को मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। डिजिटल साक्ष्य और गवाहों के आधार पर अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी पाया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों आरोपियों को तीन वर्ष के कारावास और प्रत्येक पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

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"फर्जी फेसबुक आईडी बनाकर बदनाम करने" पर क्या सजा हो सकती है?

यदि कोई व्यक्ति फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर किसी की छवि खराब करता है, तो उसे आईटी एक्ट और आईपीसी के तहत 3 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता है।

"फेसबुक पर फर्जी आईडी की शिकायत" कैसे करें?

आप फेसबुक पर संबंधित प्रोफाइल को रिपोर्ट कर सकते हैं और साथ ही स्थानीय पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में लिखित शिकायत भी दर्ज करवा सकते हैं।

"महिला की छवि खराब करने पर कानून" क्या कहता है?

आईटी एक्ट की धारा 66C, 66D और आईपीसी की धारा 354D, 509 आदि के तहत महिला को बदनाम करने वाले को सजा दी जा सकती है।

"डिजिटल साक्ष्य" कोर्ट में कैसे मान्य होते हैं?

कंप्यूटर फॉरेंसिक रिपोर्ट, सोशल मीडिया रिकॉर्ड, मोबाइल चैट्स और सर्वर लॉग्स जैसे डिजिटल साक्ष्य कोर्ट में वैध होते हैं।

"फर्जी प्रोफाइल से मानसिक उत्पीड़न" का केस कैसे करें?

आप साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। जरूरी है कि आप स्क्रीनशॉट, यूआरएल और अन्य डिजिटल सबूत सुरक्षित रखें।