हिंदुत्व और मतांतरण पर भी खुलकर बोले संघ के राम माधव, बोले- 'सबसे बड़ा हिंदू मैं' यह कहने की लगी होड़ |

हिंदुत्व और मतांतरण पर भी खुलकर बोले संघ के राम माधव, बोले- ‘सबसे बड़ा हिंदू मैं’ यह कहने की लगी होड़

Ram Madhav spoke on Hindutva and conversion: आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बिलासपुर में पथ संचलन के साथ बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव विशेष रूप से शामिल रहे।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:40 PM IST, Published Date : November 20, 2022/9:06 pm IST

Ram Madhav spoke on Hindutva and conversion: बिलासपुर। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बिलासपुर में पथ संचलन के साथ बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया। इसमें आरएसएस के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य राम माधव विशेष रूप से शामिल रहे। रेलवे इंस्टिट्यूट ग्राउंड में आयोजित आरएसएस के कार्यक्रम में राम माधव ने उद्बोधन देते हुए, बिना नाम लिए कांग्रेस, राज्य सरकार और राहुल गांधी पर भी जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने हिंदुत्व और मतांतरण पर भी खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज हिंदुत्व के विचार का प्रभाव इतना ज्यादा है, कहीं राम जी के जन्म स्थान पर राम जी के मंदिर का भव्य पुनिर्माण होता हुआ दिखता है तो कहीं राम वन गमन पथ पर भी मंदिरों का निर्माण होता दिखता है। फिर चाहे दोनों को करने वाले भले ही अलग-अलग पार्टियों के लोग हों।

हिंदू विचार कहना सेकुलरिज्म का विरोध

आगे उन्होंने कहा कि, एक ऐसा समय था, जब हिंदू विचार कहना सेकुलरिज्म का विरोध माना जाता था। इसको सांप्रदायिकता का परिचायक माना जाता था। लेकिन आज जो दृश्य है, सबसे बड़ा हिंदू मैं हूं यह कहने की होड़ लगा हुआ है। एक राम जन्मभूमि में राम मंदिर बनाएंगे कहता है तो एक कहता है राम पथ गमन में मंदिर बनेगा। कोई और दल का नेता कहेगा हम गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाएंगे तो यहां का नेता कहेगा हम भी गौ रक्षा के लिए बहुत कुछ करेंगे। आगे उन्होंने राहुल गांधी का बिना नाम लिए कहा कि, पब्लिक मीटिंग में कोई अपना जनेऊ दिखा रहा है तो कोई गोत्र का परिचय दे रहा है।

यहां तक की भारत जोड़ने के प्रयास में आंदोलन शुरू होता है तो उसकी शुरुआत वहां से होती है जो स्वामी विवेकानंद का पावन स्थान है। वही विवेकानंद जिन्होंने गर्व से कहा था कि इस भूमि पर पैदा होने वाला हर एक गर्भ से हिंदू है। ऐसे विवेकानंद के चरणों पर सभी दलों के नेताओं को जाना पड़ता है, यह जो परिवर्तन देखते हैं जो देश के आजादी के 75वे वर्षगांठ पर देखने को मिल रहा है यह देश के लिए अच्छा परिवर्तन है। आगे उन्होंने कहा कि, संघ की दृष्टि में इसमें कोई राजनीति नहीं है। राजनीति करने वालों को इसमें भी बहुत कुछ राजनीति दिख सकता है।

हिंदुत्व खराब है हिंदूलिज्म अच्छा ?

आगे उन्होंने कहा कि, भारत जोड़ो यात्रा से नेता यह कह सकते हैं कि हिंदुत्व खराब है हिंदूलिज्म अच्छा है। ये सुनने को भी मिलता है हिंदुत्व वाले ठीक नहीं है हिंदू अच्छा है। जबकि, हिंदू और हिंदुत्व दो चीजें नहीं है हिंदू विचार है। हिंदू धर्म की रक्षा के लिए जो हम सब स्वयंसेवक खड़े हैं वही हिंदुत्व है। राजनीतिक दृष्टि से इसको देखना नहीं चाहिए।

आगे उन्होंने कहा कि, हम आजादी के आंदोलन का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, उस आजादी के आंदोलन में जो महापुरुष शामिल रहे सब का सम्मान होना चाहिए। लेकिन आज एक तरफ यह कह रहे हैं देश को जोड़ना है दूसरी तरफ यही वीर सावरकर पर आरोप लगाते हैं यह देश जोड़ने वाला विचार नहीं है। जबकि, आजादी के आंदोलन में जिन- जिन महापुरुषों ने योगदान दिया था उनमें अग्रणी पंक्ति में सावरकर भी थे। केवल हिंदुत्व के प्रतिवादक होने के कारण उनके प्रति घृणा की राजनीति करना, भावना रखना ओछी राजनीति हो रही है। अगर खुद को हिंदू कहते हैं तो सबके प्रति आदर सम्मान की भावना रखें।

24 में भी मोदी को दोबारा जिताना है

आगे उन्होंने कहा हमारे पास इस समय स्वयं सेवकों की इतनी बड़ी ताकत है लोगों को लगता है कि 24 में भी मोदी को दोबारा जिताना है, उसके लिए ये ताकत नहीं बनाया जाता, जो अच्छा काम करेगा हम उसे समर्थन देंगे। यह अलग विषय है कि यह पूरा कार्य धर्म के जय के लिए है। खराब व्यवस्थाओं को छोड़कर अच्छी व्यवस्थाओं को लाना पड़ेगा। आज समाज को जोड़ने में नहीं बल्कि तोड़ने में राजनीति साधन बन रहा है।

आगे उन्होंने दिल्ली की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि, कानून के कारण क्या आज महिलाओं पर अत्याचार बंद हो गया। हमने देखा मासूम लड़की के शरीर को टुकड़े-टुकड़े कर फेंक दिया गया। ऐसा व्यवहार पुरुष कर सकता है यह कैसे संभव है, उसकी धर्म की बहस पर मैं नहीं जा रहा हूं लेकिन इतना बड़ा कानून होने के बाद भी इस प्रकार का अत्याचार महिलाओं के ऊपर होता है। कानून एक रास्ता है। परिष्कार हमारे दिमाग में होना चाहिए। सद्भावना सम्मान की भावना निर्माण करना चाहिए।

मतांतरण करने की प्रक्रिया क्यों

आगे उन्होंने मतांतरण पर वार करते हुए कहा कि, जो कहता है तुम्हारे धर्म में तुम्हें स्वर्ग नहीं मिलेगा मेरे पास आओ मेरे साथ चलो नहीं तो तुम स्वर्ग में नहीं जाओगे नरक में जाओगे। यह मतांतरण करने की प्रक्रिया क्यों हो रही है। जिसको जिस में रुचि है उस भगवान की पूजा कर लेगा। भारत की विशेषता यही है। मतांतरण किसी को काफिर कहना, हमारा रास्ता सही है यह कहना ये प्राणियों में सद्भावना नहीं हो सकती।

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