Surajpur Dhan kharidi: नई सरकार के इंतजार में है किसान, जिले में धान खरीदी की कम हुई रफ्तार, धान खरीदी केंद्रों में पसरा सन्नाटा
Surajpur Dhan kharidi: नई सरकार के इंतजार में है किसान, जिले में धान खरीदी की कम हुई रफ्तार, धान खरीदी केंद्रों में पसरा सन्नाटा
Surajpur Dhan kharidi
नीतेश गुप्ता, सूरजपुर:
Surajpur Dhan kharidi: धान खरीदी की शुरुआत हुए लगभग एक महीना होने को है, लेकिन सूरजपुर में आज भी धान खरीदी केंद्र वीरान पड़े हुए हैं। खाद्य विभाग के द्वारा धान खरीदी की तैयारी पूरी कर ली गई हैं। बावजूद इसके किसान धान खरीदी केंद्र तक नहीं पहुंच रहे हैं। इस बार किसान नई सरकार के इंतजार में है, तो वहीं खाद्य विभाग के अनुसार धान के फसल में देरी की वजह से किसान अभी तक अपना धान बेचने मंडी तक नहीं पहुंच रहे हैं। यह नजारा सूरजपुर के ज्यादातर मंडियों का है। दरअसल सूरजपुर में कुल 54 धान खरीदी केंद्र हैं, लेकिन अभी तक मात्र 11 केंद्रो में ही धान खरीदी शुरू हो सकी है, जिसमें कुल 13 हजार क्विंटल ही धान खरीदा गया है। अभी भी 43 धान मंडी केंद्र सुनसान पड़े हैं और किसानों का इंतजार कर रहे हैं।
बनाए गए 54 धान उपार्जन केंद्र
यह चुनावी वर्ष है और 3 दिसंबर को यह निश्चित हो जाएगा कि प्रदेश में सरकार किसकी बनने वाली है। प्रदेश के दोनों ही बड़ी पार्टियों ने किसानों को लेकर कई घोषणाएं की हैं, यही वजह है कि किस नई सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं ताकि उनको धान के सही कीमतों का पता चल सके। वहीं खाद्य विभाग के द्वारा धान खरीदी की तैयारी पूरी कर ली गई हैं, जिले में कुल 60152 पंजीकृत किसान हैं, जबकि 80546 हेक्टेयर कुल रकबा है जिसकी खरीदी के लिए 54 उपार्जन केंद्र बनाए गए हैं। जबकि तीन लाख बीस हजार तीन सौ पैंसठ क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन लगभग एक महीना का समय होने के बावजूद अभी तक जिले में मात्र 13000 क्विंटल धान की ही खरीदी हो सकी है।
Surajpur Dhan kharidi: वहीं पिछले वर्ष इस समय तक लगभग 90 हजार क्विंटल धान खरीदी हो चुकी थी। खाद्य अधिकारी को अभी भरोसा है कि जल्द ही किसान मंडी तक पहुंचेंगे, लेकिन साथ में वह यह भी मान रहे हैं कि कम समय होने की वजह से धान खरीदने में उनको कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इस बार किसान भी बहुत ही सोच समझकर अपना धान बेचना चाह रहा है, ताकि उसे अपनी मेहनत का ज्यादा लाभ मिल सके, वहीं खाद्य विभाग के लिए भी आने वाले समय में धान खरीदी केंद्रों में किसानों की बड़ी संख्या उनके लिए एक बड़ी चुनौती होगी।

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