IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: सड़क किनारे फल बेचने वाले की बेटी ने बढ़ाया सब का मान, 12वीं में किया टॉप, IBC24 ने दी स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप
IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: इस वर्ष भी IBC24 द्वारा छत्तीसगढ़ में स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024
रायपुर : IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल IBC24.. खबरों के साथ-साथ लगातार अपने सामाजिक सरोकारों को भी निभाता आया है। समय-समय पर अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित कर अपने विधाओं में बेहतरीन कार्य कर रहे लोगों को सम्मानित करता रहा है। इन कार्यक्रमों में एक स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम भी शामिल है। जिसके जरिए प्रदेश के होनहार बेटे-बेटियों का हौसला बढ़ाने के लिए प्रदेश का नंबर वन चैनल IBC24 स्कॉलरशिप राशि प्रदान करता है।
सीएम विष्णुदेव साय ने किया छात्र-छात्राओं को सम्मानित
IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: इस वर्ष भी IBC24 द्वारा छत्तीसगढ़ में स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रदेश की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में स्टेट टॉपर बेटी को 1 लाख रुपए, उनके स्कूल को 1 लाख रुपए और जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज सीएम विष्णु देव साय ने प्रदेश में टॉप करने वालें 49 छात्रों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया। सीएम विष्णु देव साय ने इस दौरान सभी छात्र और छात्रों को सिर में हाथ रखकर उन्हें आशीर्वाद दिया और उन्हें आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी।
भावना ने टॉप तेन में बनाई जगह
IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2024: बेटी पढ़ेगी तो बेटी बढ़ेगी इस वाक्य को चरितार्थ करते हुए दुर्ग जिले की बेटी ने पूरे छत्तीसगढ़ में जिला सहित अपने परिवार का नाम रोशन किया है। दुर्ग जिले के जेवरा सिरसा की रहने वाली भावना साहू ने 12वीं कक्षा में टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है। CA बनने का सपना देखने वाली भावना की कर्मठता बताती है कि वो अपने हर लक्ष्य में जरूर कामयाब होगी। आधुनिक सुख सुविधाओं से कोसो दूर भावना गरीब परिवार से आती है। भावना के पिता भरत साहू गांव में ही सड़क किनारे फुटपाथ में फल की दुकान लगाकर परिवार का भरण पोषण करते है। भावना गांव के ही स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी मीडियम विद्यालय में पढ़ाई कर इस मुकाम को हासिल किया है। भावना साहू ना केवल मन लगाकर पढ़ाई करती रही बल्कि मां पापा के काम में हाथ भी बटाती। मां के साथ घर के सारे काम में सहयोग करती तो वही खाना बनाने और बर्तन मांजने में भी परहेज नहीं करती थी। भावना ने दूसरे बच्चियों के जैसे खेल और बाकी शौक से परे केवल पढ़ाई को अपना मित्र माना। सुबह से उठकर भगवान की भक्ति के बाद पढ़ाई में लीन होना दिनचर्या बना हुआ था। पिता के दुकान पर भी भाई के साथ पूरा सहयोग करना भावना को गर्व महसूस कराता है तो उसके पिता भी बेटे और बेटियो में कोई फर्क नहीं करते। वे भी अपनी बेटी के ख्वाब को पूरा करने जी तोड़ मेहनत कर रहे है। आज भावना के सफलता से परिवार के साथ ही पूरा गांव फक्र महसूस कर रहा है। IBC 24 भावना की सफलता पर उसे स्वर्ण शारदा योजना से नवाजते हुए गर्व महसूस कर रहा है।

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