आरक्षण पर रण खुलेआम.. कैसे लगेगा विराम? राजभवन में कब तक अटका रहेगा आरक्षण विधेयक?
आरक्षण पर रण खुलेआम.. कैसे लगेगा विराम? राजभवन में कब तक अटका रहेगा आरक्षण विधेयक? Reservation fight in Chhattisgarh
Reservation fight in Chhattisgarh
रायपुर। Reservation fight in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आरक्षण की लड़ाई अदालत, विधानसभा और राजभवन होते हुए अब सड़क पर पहुंच गई है। आदिवासी समाज सड़क पर प्रदर्शन कर रहा है तो कांग्रेस नेता खुलेआम राजभवन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। इस स्थिति पर कैसे विराम लगेगा, ये सबसे बड़ा सवाल है।
Reservation fight in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ में आरक्षण की लड़ाई अब सड़क पर आ गई है। सर्व आदिवासी समाज ने रायपुर में राजभवन घेराव के लिए कूच किया तो पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद आदिवासी समाज का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पहुंचा लेकिन वह नहीं मिलीं।
इधर, कांग्रेस भी 3 जनवरी को महारैली के जरिए विरोध प्रदर्शन का ऐलान कर चुकी है। आरक्षण पर देरी से कांग्रेस सरकार के तेवर तल्ख होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा कि राज्यपाल विधेयक को अनिश्चितकाल तक अटकाने का बहाना ढूंढ रही हैं और एकात्म परिसर में बैठे विधिक सलाहकार की राय पर काम कर रही हैं।
कांग्रेस के आरोपों का बीजेपी नेताओं ने जवाब दिया है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस पर राजभवन को अपमानित करने का आरोप लगाया। वहीं पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने कहा कि गर्वनर चाहें तो किसी से भी सलाह ले सकती हैं और एकात्म परिसर का राजनीति से कोई लेना देना नहीं है।
आरक्षण विधेयक पर देरी से संवैधानिक टकराव बढ़ता जा रहा है। सवाल है कि आरक्षण विधेयक आखिर कब तक राजभवन में अटका रहेगा और क्या विरोध प्रदर्शनों से राज्यपाल पर हस्ताक्षर का दबाव बनेगा।

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