छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कुल 12 लाख रुपए के इनामी तीन माओवादी मारे गए

छत्तीसगढ़ के सुकमा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में कुल 12 लाख रुपए के इनामी तीन माओवादी मारे गए

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  • Publish Date - December 19, 2025 / 01:03 AM IST,
    Updated On - December 19, 2025 / 01:03 AM IST

सुकमा, 18 दिसंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बृहस्पतिवार को सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में कुल 12 लाख रुपए के इनामी एक महिला सहित तीन माओवादियों को मार गिराया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

सुकमा जिले के पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण ने बताया कि जिले के गोलापल्ली थाना के अंतर्गत गोंदीगुड़ा गांव के जंगल-पहाड़ी में माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने पर सुकमा जिले के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) ने तलाशी अभियान शुरू किया था।

उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान आज सुबह से डीआरजी के दल और माओवादियों के बीच रुक-रुक कर मुठभेड़ हुई। बाद में जब घटनास्थल की तलाशी ली गई तब वहां से एक महिला और दो पुरुष माओवादी का शव, हथियार और अन्य नक्सल सामान बरामद किया गया।

अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों की पहचान कोंटा एरिया कमेटी के सदस्य माड़वी जोगा उर्फ मुन्ना, किस्टाराम एरिया कमेटी के सदस्य सोढ़ी बंडी और एलओएस सदस्या नुप्पों बजनी के रूप में हुई है।

उन्होंने बताया कि जोगा और बंडी पर पांच-पांच लाख रुपए तथा बजनी पर दो लाख रुपए का इनाम है।

बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2025 में सुरक्षाबलों की संयुक्त कार्रवाई के परिणामस्वरूप अब तक केंद्रीय समिति सदस्यों, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्यों सहित कुल 255 माओवादी मारे जा चुके हैं।

सुंदरराज ने कहा, ‘‘बस्तर में माओवाद अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। संगठन की संरचना टूट चुकी है और अब उनकी किसी भी हिंसक चाल या दहशत फैलाने की कोशिश का कोई प्रभाव नहीं रह गया है। सभी सक्रिय माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं।’’

सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत है कि बस्तर में हिंसा के दिन अब समाप्ति की ओर हैं और शांति, विकास व मुख्यधारा की दिशा में कदम तेज़ी से बढ़ रहे हैं।

इस कार्रवाई के साथ, इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में मुठभेड़ में 284 नक्सली मारे जा चुके हैं।

भाषा सं संजीव

शफीक

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