maghi purnima mela 2022 आज माघी पूर्णिमा : छत्तीसगढ़ की पवित्र नदियों में पुण्य स्नान का सिलसिला शुरू, राजिम में उमड़ी भक्तों की भीड़

Today Maghi Purnima : छत्तीसगढ़ की पवित्र नदियों के किनारे पुण्य स्नान का सिलसिला आज तड़के से शुरू हो गया है..

maghi purnima mela 2022 आज माघी पूर्णिमा : छत्तीसगढ़ की पवित्र नदियों में पुण्य स्नान का सिलसिला शुरू, राजिम में उमड़ी भक्तों की भीड़
Modified Date: November 29, 2022 / 08:31 pm IST
Published Date: February 16, 2022 11:54 am IST

Magh Purnima 2022 : रायपुर। आज माघी पूर्णिमा है और प्रयागराज के संगम तट से लेकर छत्तीसगढ़ की पवित्र नदियों के किनारे पुण्य स्नान का सिलसिला आज तड़के से शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक माघी पुन्नी मेले भी आज से करीब आधा दर्जन शहरों में शुरू हो रहे हैं।

प्रसिद्ध तीर्थ राजिम, टेंपल सिटी शिवरीनारायण, महामाया की नगरी रतनपुर और बेलपान के अलावा धमतरी जिले के देवपुर, कर्णेश्वर रुद्रेश्वर और कुलेश्वर महादेव घाट में माघी पूर्णिमा का मेला आज से शुरू हो रहा है। राजिम में महानदी, सोंढूर और पैरी नदियों के त्रिवेणी संगम पर माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक मेले का आयोजन किया जाएगा।

 ⁠

यह भी पढ़ें:  सैलून चलाने वाले का बेटा खेलेगा आईपीएल, राजस्थान रॉयल्स ने 20 लाख रुपए में खरीदा, जानिए कौन है कुलदीप सेन

मेले के लिए राजिम के त्रिवेणी संगम की सूखी धरती पर मेला क्षेत्र बसाया गया है। मेले के लिए मुख्य मंच के पास महानदी आरती कुण्ड और शाही स्नान कुण्ड बनाया गया है। मेले में आने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए लगभग 15 सौ पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।

यह भी पढ़ें:  बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को कल दी जाएगी मुआवजा राशि, 1 लाख 70 हजार से ज्यादा किसानों को मिलेगा लाभ

मेले की शुरुआत शाम 7 बजे छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत और गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू की मौजूदगी में होगा। वहीं शिवरीनारायण में महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के संगम पर माघी मेले की शुरूआत आज से हो रही है। छत्तीसगढ़ सहित देश के हजारों लोगों की श्रद्धा और आस्था के प्रमुख केन्द्रों में मेले में प्रमुख रूप से स्थानीय कलाकारों को मंच मिलता है। रायपुर के खारून नदी पर भी आज सुबह से माघी पूर्णिमा स्नान के लिए भक्त पहुंच रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  भाजपा नेताओं के बार-बार चिल्लाने और धरना देने से कोई सांस्कारिक नहीं बन सकता: संसदीय सचिव विकास उपाध्याय


लेखक के बारे में