शह मात The Big Debate: सदन.. सवाल.. आर-पार, घुसपैठियों पर सियासत धुआंधार! विधानसभा में जमकर हंगामा, क्या इस मुद्दे पर भी हिंदू-मुसलमान करना चाहिए?
सदन.. सवाल.. आर-पार, घुसपैठियों पर सियासत धुआंधार! Uproar in Chhattisgarh assembly over illegal infiltration
रायपुरः Chhattisgarh assembly छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठिए और उस पर सियासत लगातार जारी है। एक तरफ 30 बांग्लादेशी घुसपैठियों को पहली बार प्रदेश से डिपोर्ट किया गया तो दूसरी ओर इसी मुद्दे में विधानसभा के अंदर सवाल-जवाब का लंबा सिलसिला चला। पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ के सदस्यों ने इस मुद्दे पर सरकार से मुश्किल सवाल पूछा। कांग्रेस का जोर इस बात पर था कि सिर्फ बांग्लादेशी ही क्यों पाकिस्तानी घुसपैठियों को बाहर क्यों नहीं किया जा रहा। सवाल है कि क्या उनका इशारा उन गैर मुस्लिम पाकिस्तानियों से है, जो मुस्लिम कट्टरपंथियों से तंग आकर भारत में शरण लिए हुए हैं? क्या घुसपैठियों के मुद्दे में भी कांग्रेस को हिंदू-मुसलमान दिख रहा है? सवाल ये भी कि क्या घुसपैठियों को हटाने की जो कोशिशें सरकार ने अब तक की है क्या वो पर्याप्त हैं?
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Chhattisgarh assembly छत्तीसगढ़ में अवैध घुसपैठियों पर जारी करीब ढाई दशक पुरानी राजनीति में ये पहली बार है जब अवैध घुसपैठियों को गिरफ्तार किया गया, अवैध घुसपैठियों से भरा विमान उन्हें डिपोर्ट करने मंगलवार को रायपुर से उड़ान भरता नजर आया। अब तक 40 की गिरफ्तार हुई है और 30 अवैध बांग्लादेशियों को असम के रास्ते बांग्लादेश डिपोर्ट किया जा रहा है। वहीं इस मुद्दे की गूंज विधानसभा तक में सुनाई पड़ी। सत्तापक्ष से तेजतर्रार विधायक अजय चंद्राकर, धर्मजीत सिंह और भावना वोहरा ने ध्यानाकर्षण के जरिए के दौरान अवैध घुसपैठ पर सवाल उठाया और कहा कि प्रदेश में 5 हजार से ज्यादा घुसपैठिए हैं। इनके पास राशनकार्ड हैं, आधार है, पासपोर्ट तक है, ये कैसे बने? जवाब में प्रदेश के गृह मंत्री ने बताया कि ढाई दशक में पहली बार ठोस एक्शन हुआ है। पहली बार इसके लिए स्पेशल टास्क फोर्स STF बनी है, 19 मामले दर्ज कर पहली खेप में 30 अवैध घुसपैठियों को डिपोर्ट किया है। दावा किया कि बख्शा किसी को नहीं जाएगा।
सदन में चर्चा के दौरान आरोपों के छींटे कांग्रेस पर भी पड़े। गृहमंत्री ने कहा कि रायपुर में एक घुसपैठिए के दस्तावेज कांग्रेस के पार्षद ने बनाए पाए गए। निशाने पर कांग्रेस आई तो, विपक्ष ने पलटवार में आरोप लगाया कि घुसपैठियों से भी सरकार भेदभाव कर रही है। बांग्लादेशियों को तो सरकार बाहर कर रही है लेकिन पाकिस्तानी घुसपैठियों को लेकर खामोश क्यों है ? सत्तापक्ष का दावा है कि बीजेपी सरकार ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक पहली बार अवैध घुसपैठ पर ठोस कुछ किया है। SIT बनाकर, उन्हें डिपोर्ट करना शुरू किया है तो विपक्ष ने यहां भी सरकार की कार्रवाई को बिना नाम लिए हिंदू-मुस्लिम के चश्में से देखा और सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है सवाल है क्या ये एक्शन वाकई ईमानदार, सीरियस और पर्यापत् है सवाल ये भी है कि इसे विपक्ष के आरोप में कितना दम है।

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