पत्नी का गैर मर्द से संबंध बनाना पति के लिए मानसिक क्रूरता, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति की अपील पर कही ये बात

Chhattisgarh High Court: डीबी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि पत्नी ने व्यभिचारी कृत्य किया है, जो कि क्रूरता के समान है। वैवाहिक बंधन में गंभीरता की आवश्यकता होती है।

पत्नी का गैर मर्द से संबंध बनाना पति के लिए मानसिक क्रूरता, छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पति की अपील पर कही ये बात
Modified Date: June 6, 2024 / 06:07 pm IST
Published Date: June 6, 2024 6:03 pm IST

Wife have relationship with another man: बिलासपुर: तलाक के एक मामले में हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, कि पत्नी का गैर मर्द से संबंध पति के लिए मानसिक क्रूरता है। विवाह में मानवीय भावनाएं शामिल होती हैं, यदि भावनाएं सूख जाएं तो उसके जीवन में वापस आने की संभावना नहीं होती। कोर्ट ने पति की अपील स्वीकार कर ली है।

दरअसल, रायगढ़ निवासी अपीलकर्ता की शादी 1 मई 2003 को हिन्दू रीति रीवाज से विवाह हुई थी। विवाह के बाद उनके तीन संतान हुए। पति काम से बाहर गया था, वापस लौटने पर उसने पत्नी को गैर पुरूष के साथ संदिग्ध परिस्थिति में देखा, पति के शोर मचाने पर परिवार के अन्य लोग भी आ गए। उस व्यक्ति को पुलिस को सौंप दिया गया।

पत्नी बच्चों को लेकर अपने मित्र के साथ रहने गई

पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय पति को भविष्य में शांति से रहने की समझाईश देकर भेज दिया। साल 2017 में पत्नी बच्चों को लेकर अपने मित्र के साथ रहने चली गई। पति उसे लेने गया, लेकिन उसने आने से इनकार कर दिया। इस पर पति ने परिवार न्यायालय में तलाक के लिए आवेदन दिया।

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परिवार न्यायालय से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाईकोर्ट में अपील पेश की। जहां जस्टिस गौतम भादुड़ी एवं जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की डीबी में सुनवाई हुई। डीबी ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि पत्नी ने व्यभिचारी कृत्य किया है, जो कि क्रूरता के समान है। वैवाहिक बंधन में गंभीरता की आवश्यकता होती है। विवाह में मानवीय भावनाएं शामिल होती है, और भावनाएं यदि सूख जाएं तो शायद ही जीवन में आने की कोई संभावना नहीं बचती है।

स्कूल कॉलेज का ब्यायफ्रेंड है व्यक्ति

पत्नी ने पुलिस के सामने यह स्वीकार किया कि वह व्यक्ति उसका स्कूल कॉलेज का ब्यायफ्रेंड है, दोनों विवाह करना चाहते थे, किन्तु दोनों की जाति अलग होने से विवाह नहीं कर सके। उसने उक्त व्यक्ति से संबंध होने की बात भी स्वीकार की है। दोनों वर्ष 2017 से अलग अलग रह रहें। विवाह विघटित हो चुका है, इसे किसी भी परिस्थिति में पुनर्जीवित नहीं किया जा सकता है। हाईकोर्ट ने पति की अपील को स्वीकार किया है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com