Will religious conversion also be an important issue in the general elections in Chhattisgarh
रायपुर। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, मंदिर में राम जी की प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा से बने अभूतपूर्व माहौल में ये तो तय है कि 2024 चुनाव में राम मंदिर एक बड़ा मुद्दा होगा। लेकिन, क्या छत्तीसगढ़ में आम चुनाव में प्रदेश में धर्मांतरण भी अहम मुद्दा होगा। ये सवाल उठा तेलंगाना विधायक टी राजा सिंह, जिन्हें टाइगर राजा सिंह भी कहा जाता है, उन्होंने प्रदेश में बड़े पैमाने पर हुए धर्मांतरण के लिए पिछली कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार बताते हुए मौजूदा सरकार को धर्मांतरण को रोकने एक फॉर्मूला भी सुझाया है। वैसे राजा अक्सर तल्ख बयानों के लिए ही जाने जाते हैं, लेकिन क्या उनके इन बयानों से प्रदेश कांग्रेस के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं, कांग्रेस कैसे इसे काउंटर करेगी ? क्या ये सब 2024 चुनाव की प्लानिंग के तहत है?
इन बयानों को सुनकर, आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण पर रण तय दिखता है। दरअसल, राजधानी में एक कथा समारोह में शामिल होने आए तेलंगाना के गोशामहल सीट से विधायक टी राजा सिंह ने छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर एक बड़ा बयान दिया। राजा ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने धर्मांतरण कराकर पाप किया, उस पाप को बीजेपी के धोना है, इसके लिए BJP में एक विशेष मोर्चा होना चाहिए। राजा ने प्रदेश सरकार से धर्मांतरण रोकने कानून बनाने और एक एंटी धर्मांतरण विंग बनाने की अपील की।
राजा ने कांग्रेस पर सीधे गंभीर आरोप लगाया कि यहां कांग्रेस सरकार में रोहिंग्या मुसलमानों को बसाया। राजा ने सरकार को सलाह दी कि जो व्यक्ति हिंदू धर्म छोड़ते हैं उन्हें ना तो किसी सरकारी योजना का लाभ दें और ना ही वोट देने का अधिकार दें। इस पर कांग्रेस ने पटलवार में कहा कि, कांग्रेस सरकार के समय एक भी जबरन धर्मांतरण का केस नहीं हुआ, ये महज बीजेपी का हिंदू वोट्स को अपने पाले में लाने का हथकंडा मात्र है…कांग्रेस ने चुनौती दी कि मौजूदा प्रदेश सरकार जांच कराकर बताए कहां-कहां रोहिंग्या मुसलमान बसे हैं और अगर सच है तो केंद्रीय गृहमंत्री घुसपैठ ना पाने पर इस्तीफा दें।
वैसे, अयोध्या रामलाल की प्राण-प्रतिष्ठा से बने माहौल के बीच बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्री ने भी एक बार फिर प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर अपनी बात रखते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में अब धर्मांतरण नहीं चलेगा क्योंकि यहां के हालात बदल गए हैं।
एक दिन में, धर्मांतरण पर 2 बड़े बयान, तो क्या ये माना जाए कि आने वाले 2024 के आम चुनाव में प्रदेश में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा रहने वाला है। वैसे भी 2023 के चुनाव में छत्तीसगढ़ की करीब आधा दर्जन सीटों पर सनातन सेंटिमेंट्स से जुड़े मुद्दे बेहद असरदार रहे हैं। तो क्या बीजेपी आम चुनाव में देश में राम मंदिर से बने माहौल और प्रदेश में धर्मांतरण के जरिए कांग्रेस की चौतरफा घेराबंदी करने की तैयारी में है। अगर ऐसा है तो कैसे कांउंटर करेगी कांग्रेस…?