शह मात The Big Debate: लाठी की ललकार..निशाने पर सरकार, क्या मानसून सत्र में सियासी लाठी का असर दिखेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Monsoon Session 2025: लाठी की ललकार..निशाने पर सरकार, क्या मानसून सत्र में सियासी लाठी का असर दिखेगा? देखिए पूरी रिपोर्ट
CG Monsoon Session 2025 | Photo Credit: IBC24
- सत्र से पहले सियासी हलचल
- कांग्रेस ने कहा – हमारे पास 35 MLA हैं
- सरकार को करारा जवाब मिलेगा
रायपुर: CG Monsoon Session 2025 14 जुलाई से छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र है और 13 जुलाई को पक्ष-विपक्ष अपनी रणनीति तय करने विधायक दल की मीटिंग करने वाला है। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष महंत का लाठी राग सुर्खियों में है। महंत ने कहा है कि इस बार कांग्रेसी लाठी लेकर जाएंगे। बैज ने भी इसका समर्थन किया है। सत्तापक्ष ने विपक्ष की लाठी को आतंक से जोड़कर अलग रंग दिया है, तो असल में लाठी की एंट्री के मायने क्या है। इसके इफेक्ट- साइड इफेक्ट क्या है?
CG Monsoon Session 2025 तो छत्तीसगढ़ में मॉनसून सत्र से पहले सरकार और विपक्ष मुद्दों, सवालों और सियासी हथियारों को धार देने में जुटे हैं। इसी बीच पक्ष-विपक्ष में लाठी को लेकर वार-पलटवार छिड़ गया है। प्रदेश के वित्तमंत्री OP चौधरी ने तंज भरे लहजे में कहा कि विपक्ष के सवालों या वार से कोई डर नहीं, कांग्रेसी तो खुद एक-दूसरे पर लाठी चलाएंगे। चौधरी के तंज पर PCC चीफ दीपक बैज ने पलटवार में कहा कि, हमारे पर 10-15 नहीं 35 लाठियां हैं। उनका इशारा विपक्षी सदस्यों की संख्या की तरफ था, कांग्रेस का दावा है कि जनता के चुने 35 MLA बंदूक भी हैं, फायर भी करेंगे सरकार तैयारी कर ले।
दरअसल, सदन में ये लाठी वाली बात शुरू पूर्व CM के नसीहत से बीते दिनों रायपुर में कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने, नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत से पूछा कि महंत CM पर हमला बोलने से बचते क्यों हैं? बघेल ने नसीहत दी कि नेता प्रतिपक्ष को सदन में पूरी मुखरता से बात रखनी चाहिए। पूर्व CM की बात पर खुद महंत ने हंसी-हंसी में कहा कि, विपक्ष की मॉनसून सत्र की बेहतर तैयारी है, सब लोग इस बार लाठी लेकर जाएंगे।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मॉनसून सत्र 14 जुलाई सोमवार से शुरू हो रहा है। पांच बैठकों वाले सत्र के लिए तकरीबन एक हजार प्रश्न लगाए जा चुके हैं, विपक्ष सरकार को खाद-बीज, स्कूल-शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण, शराब की अवैध बिक्री, भारतमाला प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर चुका है। सरकार का आरोप है कि विपक्ष तो खुद उलझा हुआ है लाठी-डंडे की बात कर रहा है, आतंक और सिरफुटव्वल में यकीन रखता है, तो विपक्ष का दावा है कि इस बार सरकार को एक नहीं 35 विपक्षी विधायकों के तीखे प्रहार का सामना करना होगा। सवाल है कि वास्तव में वार-प्रहार के लिए कौन कितना तैयार है?

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