शाहीन बाग मंच से भाषण देने के लिए भरना होगा शपथ पत्र, विवादित बयानों के बाद आयोजकों का बड़ा फैसला

शाहीन बाग मंच से भाषण देने के लिए भरना होगा शपथ पत्र, विवादित बयानों के बाद आयोजकों का बड़ा फैसला

शाहीन बाग मंच से भाषण देने के लिए भरना होगा शपथ पत्र, विवादित बयानों के बाद आयोजकों का बड़ा फैसला
Modified Date: November 29, 2022 / 08:09 pm IST
Published Date: February 4, 2020 12:30 pm IST

नईदिल्ली। शाहीन बाग में सीएए के खिलाफ विवादित बयानों के बाद आयोजकों ने मंच से भाषण देने वालों के लिए कुछ शर्तें रखी है। इसके लिए बाकायदा एक फार्म भरकर वक्ताओं को जमा करना होगा तभी उन्हे मंच ये कुछ बोलने की अनुमति मिलेगी। 10वीं फेल वक्ताओं को मंच से भाषण देने पर रोक लगा दी है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने मंच से भाषण देने के लिए एक शपथ पत्र जारी किया है।

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शाहीन बाग से लगातार विवादित वीडियो वायरल होने के बाद प्रदर्शनकारियों ने मंच से भाषण देने वालों के लिए नियम सख्त कर दिए हैं। आयोजकों का मानना है कि 10वीं से ऊपर पढ़े लिखे वक्ता ही सीएए-एनआरसी के खिलाफ भीड़ को समझा पाएंगे। इस फैसले को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि कुछ लोग मंच पर आकर विवादित बयान देते हैं, जिससे पूरे शाहीन बाग का प्रदर्शन बदनाम होता है।

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नियम व शर्तें इस प्रकार हैं —
1- कोई भी वक्तव्य जो संविधान के खिलाफ हो ऐसा भाषण देना प्रतिबंधित है।
2- भारत के किसी राज्य एवं स्थान को अलग करने संबंधी भाषण प्रतिबंधित है।
3- जाति-धर्म, संप्रदाय से संबंधित भड़काऊ भाषण जिससे किसी भी धर्म की धार्मिक, भावनाएं आहत हों ऐसा कोई भी भाषण देना प्रतिबंधित है।
4- देश के किसी भी महापुरुषों, क्रांतिकारियों एवं सरकारी अमले के विषय में विवादित भाषण देना प्रतिबंधित है।
5- केवल सीएए-एनआरसी-एनपीआर बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के अलावा किसी भी विषय पर भाषण देना प्रतिबंधित है।
6- कोई भी ऐसा नारा जो असंवैधानिक हो या जाति-धर्म की भावनाओं को आहत करे ऐसे नारे प्रतिबंधित हैं।
7- कोई भी वॉलेंटियर मंच संचालकों पर अपने मित्र-रिश्तेदारों को अधिक तवज्जो देने हेतु दबाव न बनाएं।
8- ऐसे कोई भी मेहमान जो दूर से आए हैं और तुरंत अपना भाषण देना चाहते हैं तो अपना वापसी टिकट दिखा कर मंच पर पहले आ सकते हैं।
9- किसी भी राजनीतिक पार्टी के चुनाव प्रचार से संबंधित बयान देना प्रतिबंधित है।
10- अगर मेरे भाषण पर कोई वैधानिक कार्यवाही करता है तो उसके लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं, न कि शाहीनबाग के रहवासी।
शपथः मैं पूरे होशो-हवास में शपथ लेता हूं कि उपरोक्त सभी शर्तों का पालन करूंगा।

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इस फैसले के पीछे शरजील इमाम का जारी विवादित वीडियो है, जिसमें वह असम को देश से अलग करने की बात कर रहा है। इस वीडियो को शुरुआत में शाहीन बाग से जुड़ा बताकर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार किया जा रहा था। इसके बाद कई दूसरे विवादित वीडियो भी शाहीन बाग से जुड़ा हुआ बताया गया।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com