इस लोकसभा सीट पर 28 में से 11 उम्मीदवारों का नाम था ‘चंदू’ और जीता भी ‘चंदू’, जानिए पूरी बात
इस लोकसभा सीट पर 28 में से 11 उम्मीदवारों का नाम था 'चंदू' और जीता भी 'चंदू', जानिए पूरी बात
रायपुर: लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर पूरे देश की सियासत में गहमागहमी का माहौल बना हुआ है। एक ओर जहां नेतागण लगातार अपने चुनावी क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सियासी बयानबाजी के चलते राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी चरम पर है। इस बीच हम आपको एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं जो शायद भारतीय राजनीति के इतिहास में पहली बार हुआ था।
हम बात कर रहे हैं महासमुंद लोकसभा सीट की। साल 2014 में चुनावी बिगुल बजने के बाद राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के चयन में जुट गए थे। कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने की तैयारी कर रहे थे। वहीं, कांग्रेस को छत्तीसगढ़ की चिंता सता रही थी, जहां 11 लोकसभा सीटों में से महज 1 सीट पार्टी के खाते में आई थी और बाकी 10 सीटों पर भाजपा का कब्जा था।
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देखते ही देखते अब चुनाव की तारीख भी नजदीक आने लगी थी। इस बीच भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों ने छत्तीसगढ़ के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान किया। महासमुंद लोकसभा सीट जो इस चुनाव में चर्चा का विषय रहा, वहां से कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के तत्कालीन नेता अजीत जोगी को अपना प्रत्याशी घोषित किया तो भाजपा ने अपने सांसद चंदू लाल साहू पर एक बार फिर भरोसा दिखाया था।
बारी थी नामांकन और नाम वापसी की। इस दौरान निर्वाचन आयोग ने जो खुलासा किया वो इतिहास में पहली बार हो रहा था। दरअसल महासमुंद लोकसभा सीट से कुल 38 उम्मीदवारों का पर्चा स्वीकार किया था। चुनाव आयोग भी एक वक्त के लिए हैरान रह गया जब 38 में से 11 उम्मीदवारों का नाम “चंदू” देखा। इसमें 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल थे। चुनावी मैदान में एक साथ इतने सारे चंदू को देखकर सभी हैरान थे।
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अब बारी थी चुनाव प्रचार की। जैसे ही किसी गाड़ी से आवाज आती चंदू भैया को भारी मतों से विजयी बनाएं तो लोगों के मन में एक ही सवाल आता कि किस चंदू को वोट देने के लिए कहा जा रहा था? धीरे-धीरे मतदान की तारीख आ गई और मतदाताओं ने भी अपनी पसंद के उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगा दी। अब सिर्फ इंतजार था तो परिणाम का, क्योंकि एक ओर कांग्रेस के दिग्गज अजीत जोगी खड़े थे तो दूसरी ओर बीजेपी के सांसद चंदू लाल साहू थे, जिनको 10 और चंदू चुनौती दे रहे थे।
फिर बारी आई चुनाव परिणाम की। शाम तक परिणाम आए तो नतीजे ने एक बार फिर सबको हैरान कर दिया। मतदाताओं ने चंदू पर ही भरोसा जताया, लेकिन इस चंदू के नाम के पीछे भारतीय जनता पार्टी का ठप्पा लगा हुआ था। 10 चंदू को हरा कर एक बार फिर भाजपा के चंदू लाल साहू को लोगों ने अपना नेता चुना था।
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इस मामले को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि उन्हें हार का डर है, इसलिए उसने 10 और चंदू चुनावी मैदान में उतार दिए हैं। वहीं अजीत जोगी को छत्तीसगढ़ में राजनीति का चाणक्य भी कहा जाता रहा है तो उन पर भी आरोप लगा कि ये उनके सियासी दांव पेंच का एक हिस्सा था।

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