सीएम भूपेश बघेल की पहल से श्रमिकों की घर वापसी के लिए 53 ट्रेनों को मिली अनुमति, रेल मण्डलों को 2.91 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान

सीएम भूपेश बघेल की पहल से श्रमिकों की घर वापसी के लिए 53 ट्रेनों को मिली अनुमति, रेल मण्डलों को 2.91 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान

सीएम भूपेश बघेल की पहल से श्रमिकों की घर वापसी के लिए 53 ट्रेनों को मिली अनुमति, रेल मण्डलों को 2.91 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान
Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 pm IST
Published Date: May 25, 2020 11:39 am IST

रायपुर: नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू लाॅकडाउन से उत्पन्न परिस्थितियों के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों तथा अन्य लोगों को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर वापस लाने का सिलसिला लगातार जारी है। बघेल के निर्देशन पर राज्य के बाहर फंसे श्रमिकों एवं अन्य लोगों को वापस लाने के लिए राज्य सरकारों से समन्वय कर अब तक 53 ट्रेनों की सहमति दी है।

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श्रम मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि भवन एवं अन्य सन्ननिर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा प्रवासी श्रमिकों को वापस छत्तीसगढ़ लाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेन के लिए विभिन्न रेल मण्डलों को श्रमिकों के यात्रा व्यय के लिए आवश्यक राशि का भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में 47 हजार 453 यात्रियों को 32 ट्रेनों से वापस लाने के लिए दो करोड़ 91 लाख 40 हजार 930 रूपए का भुगतान किया जा चुका है।

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डाॅ. डहरिया ने बताया कि लाॅकडाउन के कारण श्रमिकों को जो छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं पर पहुंच रहे है एवं राज्य से होकर गुजरने वाले सभी श्रमिकों के लिए नाश्ता, भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था से श्रमिकों कोे काफी राहत मिली है। छत्तीसगढ़ के सभी सीमाओं पर पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को, चाहें वो किसी भी राज्य के हो, उन्हें छत्तीसगढ़ का मेहमान मान कर शासन-प्रशासन के लोग उनकी हरसंभव मदद कर रहे है।

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उन्होंने बताया कि श्रम विभाग के अधिकारियों का दल गठित कर विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं, नियोजकों एवं प्रबंधकों से समन्वय कर श्रमिकों के लिए राशन एवं नगद आदि की व्यवस्था भी की जा रही है। प्रदेश के 26 हजार 102 श्रमिकों को 36 करोड़ रूपए बकाया वेतन का भुगतान भी कराया गया है। वहीं लाॅकडाउन के द्वितीय चरण में 21 अप्रैल से शासन द्वारा छूट प्रदत्त गतिविधियों एवं औद्योगिक क्षेत्रों में लगभग एक लाख से अधिक श्रमिकों को पुनः रोजगार उपलब्ध कराया गया है और छोटे-बड़े 1300 से अधिक कारखानों में पुनः कार्य प्रारंभ हो गया है।

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