मंत्रियों के लिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, मोबाइल से रहना होगा दूर, कीमती और विदेशी उपहार से परहेज की नसीहत

मंत्रियों के लिए मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट, मोबाइल से रहना होगा दूर, कीमती और विदेशी उपहार से परहेज की नसीहत

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  • Publish Date - February 7, 2019 / 01:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

भोपाल। सोशल मीडिया के इस दौर में सत्ता पाना और उसको बनाए रखना बड़ी चुनौती बन गई है। तभी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आते ही अपने मंत्रियों को किसी भी स्टिंग ऑपरेशन से बचने और पब्लिक प्लेस में एहतियात बरतने की चेतावनी दी थी,अब मध्यप्रदेश में 15 सालों का वनवास खत्म करके सत्ताधीश हुए कमलनाथ को भी कुछ यही चिंता सता रही है, कहीं किसी के मोबाइल से निकली ऑडियो की चिंगारी लोकसभा की राह को ना राख कर दे, तभी तो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों समेत वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को आदर्श आचरण के ना केवल सीख दी है वरन मोबाइल युग की टेक्नालॉजी से भी अवगत कराया है।
वैसे ये ज्ञान देना भी जरूरी है,जब उनके मंत्री 26 जनवरी पर उनका संदेश ही नहीं पढ़ पा रहे हैं तो सोशल मीडिया मोबाइल टेक्नालॉजी और उसके खतरों को कैसे समझेगें,बहरहाल सीएम कमलनाथ ने खतरा भांप लिया है और बकायदा लिखित निर्देश मंत्रियों और मतहतों को जारी कर दिए हैं…
चलिए अब हम आपको बताते हैं वो बड़ी बातें का लब्बोलुआब जिनको लेकर मुख्यमंत्री ने अपने अधीनस्थों को आगाह किया है ।

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1..मंत्रीगण मोबाइल पर कोई ऐसी बात ना बोले जिसे टेप करके उसका फायदा विपक्ष या फिर मीडिया संस्थान उठा सकें,साथ ही मंत्रियों को केवल अपना ही फोन उपयोग करने की सलाह जारी की गई है ।
2..सोशल मीडिया पर अपनी बात कहें, दूसरे की लिखी बात को फॉरवर्ड करने से बचें,यदि करें भी तो तस्दीक कर ले की फॉरवर्ड की जा रही जानकारी सटीक और सही है।
3…मंत्रीगण जनप्रतिनिधियों और सरकारी कर्मचारियों से मिलते समय उनका सम्मान का ध्यान जरूर करें ।
4.. अपने कर्मचारियों का चयन सोच समझकर करें,हर किसी पर भरोसा ना करें।

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ये तो रही ऑफिस के लिए दिशा निर्देश अब घर और नाते रिश्तेदारों के लिए भी गाइड लाइन दी गई है,जिसके अनुसार

1…गोपनीय रखी जाने वाली बातें किसी से भी शेयर ना करें ।
2..अपना शासकीय वाहन और अन्य सुविधाएं केवल अपने तक सीमित रखें ।
3..मंत्रियों के परिजन या रिश्तेदारों कोई सुविधा ले रहे हैं तो आवश्यक रुप से इसकी जानकारी सीएम को दी जाए।
4..नया बिजनेस या पार्टनरशिप करने से बचें,
5..परिजनों के व्यापार की जानकारी सीएम के संज्ञान में लाएं साथ ही टेंडर,परमिट कोटा या लीज जो भी मिल रहा उसको भी सीएम को जानकारी दें।

निर्देशों की फेहरिश्त काफी लंबी है,लेकिन बस इतना समझ लीजिए की सत्ता के किले में जहां जहां से सेंध लग सकती है उन सभी दरारों पर को भरने के लिए कह दिया गया है।

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तो क्या अब सत्ता की खनक नहीं होगी….क्या मंत्री और उनके मातहत वाकई रामराज लाने में जुट जाएंगे…ये कुछ ऐसे सवाल हैं….जिनके जवाब आने वाले दिनों में सत्ता पक्ष से ना केवल पूछे जाएंगे बल्कि उनकी पूरी पड़ताल भी होगी तब देखिएगा निर्देश केवल कागज में दिखते हैं, या फिर आने वाले आम चुनाव के लिए ये कलयुगी रामराज लाने के लिए की आहट है ।